नयी दिल्ली, 14 मार्च : सरकार ने मंगलवार को संसद को सूचित किया कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर)-राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम (एनसीपीआर) के अनुसार देश में कैंसर के मरीजों की संख्या 2022 के 14.6 लाख से बढ़कर 2025 में 15.7 लाख हो जाने का अनुमान है. इस संबंध में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में विस्तार से बताते हुए स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत और व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा के एक हिस्से के रूप में देश में मधुमेह, उच्च रक्तचाप और सामान्य कैंसर जैसे सामान्य गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) की रोकथाम, नियंत्रण और स्क्रीनिंग के लिए जनसंख्या आधारित पहल शुरू की गई है.
इस पहल के तहत, 30 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को तीन सामान्य कैंसर- मुंह, स्तन और गर्भाशय ग्रीवा के लिए स्क्रीनिंग की खातिर लक्षित किया गया है. मंत्री ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र योजना के तहत इन सामान्य कैंसर के लिए स्क्रीनिंग सेवा का एक अभिन्न अंग है स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग राज्यों से प्राप्त प्रस्तावों के आधार पर कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग और आघात निवारण एवं नियंत्रण कार्यक्रम (एनपीसीडीसीएस) के तहत राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों को तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करता है. कैंसर के तीन सबसे आम प्रकार - मुंह, स्तन और गर्भाशय ग्रीवा - एनपीसीडीसीएस का एक अभिन्न अंग हैं. यह भी पढ़ें : Omicron Variant: भारत में कोविड का ओमीक्रोन स्वरूप और उसके उपस्वरूप प्रभावी- सरकार
पवार ने कहा कि यह कार्यक्रम बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, मानव संसाधन विकास, स्वास्थ्य संवर्धन और रोकथाम के लिए जागरूकता पैदा करने, शीघ्र निदान, प्रबंधन और कैंसर सहित एनसीडी के उपचार के लिए स्वास्थ्य सुविधा के उचित स्तर पर रेफरल पर केंद्रित है. उन्होंने कहा कि सामुदायिक स्तर पर कल्याण गतिविधियों और लक्षित संचार को बढ़ावा देकर आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र योजना के माध्यम से व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के तहत कैंसर के निवारक पहलू को मजबूत किया गया है. कैंसर पर जन जागरूकता बढ़ाने और स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने के लिए अन्य पहलों में राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस और विश्व कैंसर दिवस का अवलोकन और निरंतर सामुदायिक जागरूकता के लिए प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया का उपयोग शामिल है.