‘द कश्मीर फाइल्स’ के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री को ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा दी गई
द कश्मीर फाइल्स (Photo: Twitter)

नयी दिल्ली, 18 मार्च : हाल में रिलीज हुई फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री को ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा दी गई है. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि 'वाई' श्रेणी की सुरक्षा के तहत केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के सात से आठ कमांडो चौबीसों घंटे अग्निहोत्री की सुरक्षा करेंगे. सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से अग्निहोत्री को सीआरपीएफ की ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है. अग्निहोत्री द्वारा निर्देशित फिल्म, आतंकवाद के कारण कश्मीर से पलायन करने वाले कश्मीरी पंडितों पर आधारित है. फिल्म की संवेदनशील प्रकृति को देखते हुए फिल्मकार को देश में तीसरी उच्च स्तरीय श्रेणी की सुरक्षा दी गई है. अग्निहोत्री द्वारा अपनी फिल्म की रिलीज को लेकर अपनी जान का खतरा होने का दावा करने के हफ्तों बाद यह कदम उठाया गया है.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्य सरकारों द्वारा या तो कर में छूट की पेशकश करके या सरकारी कर्मचारियों को इसे देखने के लिए विशेष अवकाश देकर फिल्म को सक्रिय रूप से आगे बढ़ाया जा रहा है. हालांकि विपक्ष ने फिल्म को एकतरफा और बेहद हिंसक करार दिया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल में फिल्म ‘‘द कश्मीर फाइल्स’’ की सराहना की थी और कहा था कि ऐसी फिल्में बनती रहनी चाहिए. भाजपा संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए मोदी ने फिल्म के बारे में विस्तार से बात की थी और आरोप लगाया था कि विभाजन और आपातकाल के दर्द को सामने लाते हुए अभी तक कोई फिल्म बनाने का प्रयास नहीं हुआ क्योंकि ‘‘सच्चाई को दबाने का’’ लगातार प्रयास किया गया. यह भी पढ़ें : ‘द कश्मीर फाइल्स’ मुसलमानों के खिलाफ नफरत पैदा करती है : तमिलनाडु कांग्रेस

उन्होंने कहा था, ‘‘इन दिनों कश्मीर फाइल्स की खूब चर्चा हो रही है. जो लोग हमेशा अभिव्यक्ति की आजादी के झंडे लेकर घूमते हैं, वह पूरी जमात बौखला गई है.’’ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 'द कश्मीर फाइल्स' को सच्चाई का एक साहसिक प्रतिनिधित्व करार दिया. उन्होंने कहा था कि फिल्म ने दुनिया के सामने कश्मीरी पंडितों के बलिदान, असहनीय दर्द और संघर्ष को उजागर किया. दूसरी ओर, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने राज्य के कई मंत्रियों और विधायकों के साथ 'द कश्मीर फाइल्स’ देखने के बाद दावा किया था कि इस फिल्म में आधी अधूरी सच्चाई ही दिखायी गई है और केवल हिंसा दिखाने की कोशिश की गयी है.