श्रीनगर, 28 अक्टूबर जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में पुराने अच्छे दिन लौट आए हैं तथा हिंसा और आतंकवाद का युग खत्म हो गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘अब यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि शांति और समृद्धि हमेशा बनी रहे।’’
सिन्हा ने यहां ‘इंडियन माइनोरिटी फाउंडेशन’ द्वारा ‘‘सूफीवाद और कश्मीरियत: शांति और सद्भाव का एक उदाहरण’’ विषय पर आयोजित सद्भावना सम्मेलन में कहा, ‘‘कश्मीर सूफीवाद और सांप्रदायिक सद्भाव की भूमि रही है, जहां सदियों से सद्भावना और भाईचारे की भावना फलती-फूलती रही है। कश्मीर की सह-अस्तित्व की विरासत भी सदियों पुरानी है, लेकिन पिछले कुछ दशकों में यह आतंकवाद से त्रस्त हो गया। लेकिन, अब कश्मीर बदल रहा है।’’
सम्मेलन में विद्वानों, शिक्षाविदों, छात्रों, व्यापारियों, व्यापार और पर्यटन संघों , किसान संघों और विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।
सिन्हा ने कहा कि पिछले चार वर्षों के दौरान घाटी में विकास के नए रास्ते खुले हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर के सामाजिक-आर्थिक विकास को गति मिली है।
उपराज्यपाल ने कहा कि कश्मीर में हाल के वर्षों में बड़ा बदलाव आया है। उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर एक पवित्र भूमि है जहां विभिन्न धर्म और संस्कृतियां फली-फूली हैं। लेकिन दुर्भाग्य से पिछले तीन दशकों में यह भूमि हिंसा और आतंकवाद से ग्रस्त रही है, जिसमें हमारे पड़ोसी देश ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।’’
सिन्हा ने कहा, ‘‘उसने (पाकिस्तान) घाटी में शांति भंग करने की असफल कोशिश की। हालांकि, जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के योगदान से अब कश्मीर में बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि कोई भी क्षेत्र शांति के बिना विकसित और समृद्ध नहीं हो सकता।
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