नयी दिल्ली, चार दिसंबर भारतीय रिजर्व बैंक के ब्याज दरों पर निर्णय से इस सप्ताह मुख्य रूप से स्थानीय शेयर बाजारों की दिशा तय होगी। विश्लेषकों ने यह राय जताई है।
उनका कहना है कि इसके अलावा वैश्विक रुझान और विदेशी कोषों की गतिविधियां भी बाजार को दिशा देंगी।
बाजार निवेशकों की निगाह सप्ताह के दौरान राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजों पर भी रहेगी।
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लि. के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘‘वैश्विक संकेतों की वजह से बाजार में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। हालांकि, बाजार भागीदारों की निगाह घरेलू संकेतकों मसलन रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के नतीजों तथा गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों के नतीजों पर भी रहेगी। विधानसभा चुनावों के नतीजे आठ दिसंबर को आएंगे।’’
मीणा ने कहा कि वैश्विक मोर्चे पर अमेरिका में बॉन्ड पर प्रतिफल और डॉलर इंडेक्स में गिरावट आई है और आगे बाजार की इसपर भी नजर होगी।
वृहद आर्थिक मोर्चे पर सोमवार को सेवा क्षेत्र के लिए खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई)के आंकड़े आएंगे।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘निवेशक बेसब्री से विधानसभा चुनावों के नतीजों का इंतजार कर रहे हैं।’’
बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 574.86 अंक या 0.92 प्रतिशत के लाभ में रहा।
सैमको सिक्योरिटीज में बाजार परिदृश्य प्रमुख अपूर्व सेठ का मानना है कि इस सप्ताह शेयर बाजारों के लिए सबसे बड़ा घटनाक्रम रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा है।
कोटक सिक्योरिटीज लि. के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट-तकनीकी अनुसंधान अमोल अठावले ने कहा कि बाजार के लिए आगे दो प्रमुख घटनाक्रम रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा और दिसंबर के मध्य में होने वाली फेडरल रिजर्व की बैठक है। इनसे तय होगा कि निकट भविष्य में निवेशकों का ‘मूड’ कैसा रहने वाला है।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही ब्रेंट कच्चे तेल के दाम और रुपये का उतार-चढ़ाव भी बाजार की दिशा के लिए महत्वपूर्ण रहेगा।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि बाजार की दिशा रिजर्व बैंक की मौद्रिक बैठक के नतीजे से तय होगी।
नायर ने कहा कि ऊंचे मूल्यांकन, फेडरल रिजर्व की बैठक और चीन में कोविड अंकुशों की वजह से आगामी सप्ताहों में बाजार में काफी उतार-चढ़ाव रहेगा।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा शोध प्रमुख दीपक जसानी ने कहा कि सात दिसंबर को रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा बैठक के नतीजों से पता चलेगा कि आगे देश में ब्याज दरों का रुख कैसा रहने वाला है।
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