विदेश की खबरें | ‘मणिपुर में संघर्ष को हिंदुओं की छवि धूमिल करने के लिए धार्मिक संघर्ष के तौर पर किया जा रहा है पेश’
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

वाशिंगटन, 25 अक्टूबर भारतीय मूल की एक अमेरिकी महिला ने अमेरिकी संसद में एक सुनवाई के दौरान कहा कि विविधता विभाजन का स्रोत नहीं, बल्कि सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व का एक प्रमाण है, जो पीढ़ियों से मणिपुर की विशेषता रही है।

महिला ने इस बात पर जोर दिया कि उनके राज्य में संघर्ष को हिंदुओं की छवि खराब करने के लिए इसे एक धार्मिक संघर्ष के रूप में पेश किया गया है।

तीन मई को मणिपुर में बहुसंख्यक मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति के दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किये जाने के बाद जातीय हिंसा भड़क गई थी और तब से इसमें 180 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और सैकड़ों घायल हुए हैं।

मणिपुर की आबादी में मेइती समुदाय के लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं। आदिवासी- नगा और कुकी - 40 प्रतिशत से कुछ अधिक हैं और वे पहाड़ी जिलों में रहते हैं।

अमेरिका और कनाडा दोनों में बढ़ती यहूदी विरोधी भावना, हिंदू फोबिया और हिंदू विरोधी कट्टरता के समाधान के लिए ‘हिंदूएक्शन’ और ‘नमस्ते शालोम मल्टी-फेथ एलायंस’ द्वारा सोमवार को यहां अमेरिकी संसद में सुनवाई आयोजित की गई।

मेइती समुदाय से जुड़ी भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक राजश्री कीशम ने इस दौरान कहा, ‘‘दो आदिवासी समुदायों के बीच चल रहे संकट को महज एक धार्मिक संघर्ष के रूप में पेश करने और हिंदू छवि धूमिल करने के प्रयास में, संघर्ष के वास्तविक कारण को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसके नीचे हिंसा, अविश्वास और सामाजिक-राजनीतिक तनाव द्वारा चिह्नित आंतरिक संघर्ष के साथ ही उग्रवाद, नशीले पदार्थ और अवैध घुसपैठ का एक जटिल जाल है, जो भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा उत्पन्न करता है।"

उन्होंने कहा कि मणिपुर के हिंदू समुदाय में, पंजाबी, बिहारी, तमिल, नेपाली और अन्य जाति समूह हैं। इसी तरह, ईसाई समुदाय में नगा, कुकी और मेइती भी शामिल हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘यह विविधता विभाजन का स्रोत नहीं है, बल्कि सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व का प्रमाण है जो पीढ़ियों से मणिपुर की विशेषता रही है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि मणिपुर में संवेदनहीन हिंसा समाप्त होगी और हम समाधान की आशा करते हैं। यह हमारी ईमानदार आकांक्षा है कि हिंदुओं के प्रति किसी भी मौजूदा पूर्वाग्रह या आशंका को दूर किया जाए और एक रचनात्मक समाधान निकाला जाए।’’

इलिनोइस की रहने वाली भारतीय मूल की अमेरिकी महिला ने कहा, ‘‘यह मणिपुर में पुनर्निर्माण पर केंद्रित प्रक्रिया शुरू करने का मार्ग प्रशस्त करेगा।’’

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