अमरोहा, नौ सितंबर उत्तर प्रदेश के अमरोहा में एक निजी स्कूल के छात्र से संबंधित इंटरनेट मीडिया पर सार्वजनिक हुए वीडियो क्लिप के मामले में गठित जांच समिति की रिपोर्ट में प्रधानाचार्य पर लगाए गए आरोप निराधार पाए गए हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
प्रधानाचार्य के कथित दुर्व्यवहार के एक वायरल वीडियो की जांच में उन दावों को "निराधार" करार दिया गया है जिसमें कहा गया था कि उन्होंने एक नर्सरी के छात्र को बंधक बनाया, उसे संस्थान से निकाल दिया और उसके भोजन और धार्मिक विश्वासों के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की।
अमरोहा जिले में नर्सरी के छात्र को कथित तौर पर एक निजी स्कूल से निकाल दिया गया था क्योंकि वह अपने ‘लंच बॉक्स’ में नॉनवेज (मांसाहार) खाना लेकर आया था। स्थानीय पुलिस के अनुसार यह घटना बृहस्पतिवार को हिल्टन कान्वेंट स्कूल में हुई।
स्कूल के प्रधानाचार्य अवनीश कुमार शर्मा ने बाद में बच्चे की मां को बताया कि उसका बेटा स्कूल में धार्मिक टिप्पणियां करता था और हर दिन ‘नॉनवेज’ भोजन लाता था। इसके बाद प्रधानाचार्य और बच्चे की मां के बीच तीखी नोकझोंक का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सार्वजनिक हो गया।
इस घटना को लेकर कुछ समुदायों और राजनेताओं ने भी आलोचना की थी, जिलाधिकारी राजेश त्यागी ने मामले की जांच के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) वीपी सिंह की अध्यक्षता में एक जांच दल का गठन किया।
वीपी सिंह ने सोमवार को कहा कि जांच टीम ने प्रधानाचार्य के खिलाफ दावों को निराधार पाया है।
सिंह ने बताया कि आरोपों को जांच समिति ने सीसीटीवी फुटेज और स्कूल रजिस्टर की जांच के बाद निराधार पाया है। जांच दल द्वारा डीआईओएस को सौंपी गई रिपोर्ट में प्रधानाचार्य को छात्र की मां और प्रधानाचार्य के बीच हुए विवाद के दौरान अभिभावकों से आवेश में आकर बात करने का दोषी पाया गया है। जांच में पता चला कि छात्र की मां और कार्यालय में प्रधानाचार्य के बीच हुई कहासुनी व तीखी बातचीत की बनाई गई वीडियो क्लिप को संपादित कर सार्वजनिक किया गया।
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