राहत एवं बचाव कार्य में जुटे बचावकर्मी बुधवार को जीवित बचे लोगों और पीड़ितों की तलाश में जुटे रहे। भूकंप में हजारों मकान ध्वस्त हो गए थे और कम से कम 126 लोगों की मौत हो गई थी।
जिन लोगों के घर रहने लायक नहीं हैं या असुरक्षित हैं, उन्हें आश्रय प्रदान करने के लिए तंबू, रजाई और अन्य राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। लगभग 13,800 फुट की औसत ऊंचाई वाले क्षेत्र में रात में तापमान शून्य से काफी नीचे चला गया।
मंगलवार शाम तक मरने वालों की संख्या 126 हो चुकी थी और 188 अन्य घायल हुए थे। भूकंप माउंट एवरेस्ट और नेपाल की सीमा से लगभग 75 किलोमीटर दूर आया था। वहीं नेपाल की राजधानी काठमांडू में भूकंप के झटकों से घबराए लोग अपने अपने घरों से बाहर निकल आए थे।
गुरुम गांव के कम्युनिस्ट पार्टी प्रमुख त्सेरिंग फुंटसोग ने मंगलवार को आधिकारिक ‘शिन्हुआ’ समाचार एजेंसी को बताया कि मृतकों में गुरुम के 222 निवासियों में से कम से कम 22 लोग शामिल हैं। मरने वालों में उनकी 74 वर्षीय मां भी शामिल हैं और उनके कई अन्य रिश्तेदार मलबे में दबे हुए हैं।
त्सेरिंग फुंटसोग ने कहा, ‘‘भूकंप आने पर युवा भी घरों से बाहर नहीं निकल पाए, बूढ़े और बच्चों की तो बात ही छोड़िए।’’
शिगात्से में नगर प्रशासन का हवाला देते हुए ‘शिन्हुआ’ ने कहा कि प्रारंभिक सर्वेक्षण के अनुसार 3,600 से अधिक मकान ढह गए और 30,000 निवासियों को स्थानांतरित किया गया है। शिगात्से को चीनी में शिगाजे कहा जाता है।
सरकारी प्रसारक ‘सीसीटीवी’ ने कहा कि अग्निशमन दल और अन्य के अलावा आपातकालीन प्रबंधन मंत्रालय ने 1,850 बचाव दलों को तैनात किया है।
भूकंप के बाद, इसके पश्चात आने वाले 500 से अधिक झटके दर्ज किए गए। अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण ने भूकंप की तीव्रता 7.1 बताई थी जबकि चीन के भूकंप केंद्र ने 6.8 की तीव्रता दर्ज की।
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