विदेश की खबरें | अफगान नागरिकों को निकाले जाने पर तनाव के बीच तालिबान के मंत्री ने पाकिस्तान में बैठक में भाग लिया
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

पिछले महीने से अब तक लगभग तीन लाख अफगान नागरिक घर लौट आए हैं। पाकिस्तान ने उन विदेशी नागरिकों पर कार्रवाई शुरू की है जिनके पास वैध दस्तावेज नहीं हैं। यह कार्रवाई मुख्य रूप से लगभग 17 लाख अफगानों को प्रभावित करने वाली है जो 1979-1989 में अपने देश पर सोवियत कब्जे के दौरान और 2021 में तालिबान के कब्जे के बाद देश छोड़कर चले गए थे।

अफगानिस्तान ने इस कार्रवाई की निंदा की है।

हालांकि, तालिबान सरकार ने इस सप्ताह अपने वाणिज्य और उद्योग मंत्री नूरुद्दीन अजीजी को अफगानिस्तान, उज्बेकिस्तान और पाकिस्तान के वाणिज्य तथा व्यापार मंत्रियों की बैठक में शामिल होने के लिए इस्लामाबाद भेजा है। अजीजी ने पाकिस्तान के अधिकारियों से अलग से मुलाकात कर व्यापार संबंधी मुद्दों तथा अफगान नागरिकों को पाकिस्तान से निकाले जाने के विषय पर बातचीत की।

इस्लामाबाद में अफगानिस्तान के दूतावास ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा कि तीनों पक्षों ने व्यापार बढ़ाने, पारगमन सुविधाओं को उन्नत करने, संयुक्त निवेश बढ़ाने और परिवहन को मजबूत करने पर सहमति जताई है।

अफगान दूतावास और तालिबान की सरकार ने पाकिस्तान के अधिकारियों पर शरणार्थियों की संपत्ति और धन जब्त करने का आरोप लगाया है। पाकिस्तान ने इस आरोप को खारिज कर दिया है।

तालिबान नीत सरकार ने शरणार्थियों के लिए अफगानिस्तान में शिविर स्थापित किये हैं।

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