जोधपुर/जयपुर, 16 अगस्त राजस्थान में जालोर के सुराणा गांव में शिक्षक की पिटाई के शिकार एक दलित छात्र की हुई मौत पर संवेदना व्यक्त के लिये मंगलवार को मंत्रियों, विधायकों और एक के बाद एक नेताओं के पहुंचने के साथ ही यह गांव राजनेताओं का केन्द्र बन गया।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के साथ साथ अशोक गहलोत मंत्रिमंडल में दलित मंत्री ममता भूपेश, भजनलाल जाटव और गोविंद राम मेघवाल और कुछ विधायकों ने मंगलवार को परिवार से मुलाकात की और पार्टी की ओर से 20 लाख रूपये वित्तीय सहायता देने की घोषणा की एवं परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का आश्वासन दिया।
डोटासरा ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहले ही मुख्यमंत्री राहत कोष से पांच लाख रूपे मुआवजे की घोषणा कर चुके हैं तथा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की 20 लाख रूपये की राशि इसके अतिरिक्त होगी।
उन्होंने कहा, ‘‘ हमारी पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और नेता राहुल गांधी ने नेताओं और विधायकों को परिजनों से मिलकर परिवार की हर संभव सहायता करने के निर्देश दिये हैं।’’
उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच की जायेगी और त्वरित सुनवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि जिस निजी स्कूल में यह घटना हुई है उस स्कूल को शिक्षा विभाग पहले ही नोटिस दे चुका है और पूछा है कि स्कूल की मान्यता क्यों ना समाप्त की जाये।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर परिवार किसी विशेष कार्यालय से मामले की जांच करवाना चाहता है तो वह भी किया जायेगा।
कुछ देर बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मृतक छात्र के घर पहुंचकर संवेदना व्यक्त की।
इससे पहले पायलट ने जोधपुर में कहा कि केवल कानून और भाषण ही काफी नहीं है बल्कि दलित समुदाय में विश्वास पैदा करने के लिये कड़ा संदेश देना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार जो भी उचित हो, वह करे और परिवार के सदस्यों की मांगों पर कार्रवाई की जाये।
पायलट ने कहा, ‘‘ ऐसी घटनाओं की कड़ी निंदा की जानी चाहिए। हमें ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने की जरूरत है।’’
उन्होंने कहा ‘‘मैं उनके दर्द, उनके दुख को साझा करने और उन्हें सांत्वना देने के लिये परिवार से मिलने जा रहा हूं। ’’
उन्होंने कहा ‘‘ इस समय मुझे उम्मीद है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा घटित नहीं होंगी और जो भी कड़ी कार्रवाही करने की जरूरत है वह अवश्य की जानी चाहिए। ’’
पायलट ने कहा कि आदिवासियों और दलितों को यह महसूस नहीं होना चाहिए कि उनके लिये बनाए गए प्रावधान कमजोर हैं।
उन्होंने कहा कि जरूर कुछ कमियां रही होंगी इसलिये ऐसी घटनाएं हो रही है।
इस साल मार्च में पाली में कथित तौर पर मूंछें रखने के आरोप में एक दलित युवक की हत्या का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं को रोका जाना चाहिए और दलितों में आत्मविश्वास की भावना पैदा की जानी चाहिए।
बारां के कांग्रेस विधायक पाना चंद मेघवाल ने राज्य में दलितों पर कथित अत्याचार को लेकर सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपना त्यागपत्र भेज दिया था। राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति जी के व्यास ने भी गांव का दौरा किया और दलित छात्र के परिवार को सांत्वना दी।
इस बीच, भाजपा के जालौर विधायक जोगेश्वर गर्ग ने एक वीडियो बयान में कहा ‘‘ मैंने ग्रामीणों और अन्य लोगों से बात की है और उनके अनुसार इसमें संदेह है कि यह घटना इसलिये हुई क्योंकि छात्र मेघवाल था और उसने पानी के बर्तन को छुआ था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ इसमें कोई शक नहीं कि शिक्षक ने छात्र को पीटा और उसकी मौत हो गई। आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया गया है। पूछताछ एवं जांच की जा रही है। क्या मेघवाल होने और पानी के घडे़ को छूने पर उसे पीटा गया था-- यह जांच में स्पष्ट हो जायेगा। निष्कर्षों के बाद ही बयान दिये जाने चाहिए।’’
उल्लेखनीय है कि दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि पीने के पानी के घडे़ को छूने पर छात्र इंद्र कुमार को शिक्षक छैल सिंह ने पीटा था।
जयपुर में भीम आर्मी के चार सदस्यों ने दलित छात्र के परिजनों के लिए 50 लाख रूपये के मुआवजे की मांग की।
बसपा ने जिला मुख्यालयों पर विरोध रैलियां भी की और राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन जिला प्रशासन के अधिकारियों को सौंपा।
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