नयी दिल्ली, छह नवंबर उच्चतम न्यायालय ने वकीलों के मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी एक याचिका पर विचार करने से बुधवार को इनकार कर दिया और याचिकाकर्ता को बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के समक्ष अपना पक्ष रखने की अनुमति दी।
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि बार एसोसिएशनों को इस मुद्दे के समाधान के लिए स्वैच्छिक कदम उठाने चाहिए।
पीठ ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य का मुद्दा अन्य व्यवसायों से भी जुड़ा है।
पीठ ने कहा, “देश कहेगा कि केवल वकीलों के लिए ही क्यों? चार्टर्ड अकाउंटेंट, इंजीनियर, चिकित्सक और अन्य का क्या होगा।”
याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता बलबीर सिंह ने दलील दी कि भारतीय चिकित्सा संघ के पास चिकित्सा पेशेवरों के मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे पर ध्यान देने के लिए एक तंत्र है।
अदालत ने याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति नहीं जताई जिसके बाद सिंह ने बीसीआई को एक ज्ञापन प्रस्तुत करने का अनुरोध किया।
शीर्ष अदालत ने सिंह को याचिका वापस लेने की अनुमति देते हुए कहा कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया इस मुद्दे को आगे ले जा सकती है।
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