नयी दिल्ली, 21 अक्टूबर उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति जयंत नाथ का दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीईआरसी) के अंतरिम अध्यक्ष के रूप में कार्यकाल बढ़ा दिया, हालांकि वह सेवानिवृत्ति वाली आयु 65 वर्ष के होने जा रहे हैं।
आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल कार्यालय के बीच गतिरोध को हल करने के लिए शीर्ष अदालत ने 4 अगस्त, 2023 को न्यायमूर्ति नाथ को डीईआरसी का अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया था।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने लंबित मामले में दिल्ली सरकार की नयी याचिका पर विचार किया, जिसमें कहा गया था कि अगर न्यायमूर्ति नाथ का कार्यकाल उनकी आयु 65 वर्ष होने के बाद भी बढ़ाया जाता है तो सरकार को कोई आपत्ति नहीं है।
डीईआरसी अध्यक्ष की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष निर्धारित है और पूर्व न्यायाधीश भी जल्द ही इस आयु तक पहुंच जाएंगे।
उपराज्यपाल वी के सक्सेना के कार्यालय की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संजय जैन ने कहा कि यदि पीठ इस मामले में आयु संबंधी मानदंड को कुछ समय के लिए हटा दे तो उन्हें इस याचिका पर कोई आपत्ति नहीं है।
पीठ ने कहा कि पूर्व न्यायाधीश अब डीईआरसी के मामलों से अच्छी तरह वाकिफ हैं और दिल्ली सरकार की मुख्य याचिका पर फैसला होने तक वह पद पर बने रह सकते हैं।
शीर्ष अदालत ने दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल कार्यालय की सहमति दर्ज की और न्यायमूर्ति नाथ का कार्यकाल बढ़ा दिया।
अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप सरकार और दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना के बीच डीईआरसी अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर मतभेद थे और उच्चतम न्यायालय के कहने के बावजूद वे अपने मतभेदों को सुलझाने में विफल रहे थे।
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