देश की खबरें | इस तरह की कार्रवाइयों से दोहराव की संभावना है: मंत्रालय ने आईजीयू चुनावों पर आईओए से कहा

नयी दिल्ली, 3 जनवरी खेल मंत्रालय ने हरीश कुमार शेट्टी के नेतृत्व वाले गुट द्वारा जीते गए भारतीय गोल्फ संघ (आईजीयू) के चुनावों को मान्यता देने के लिए भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की खिंचाई करते हुए कहा है कि ‘इस तरह की कार्रवाइयों से दोहराव और भ्रम की स्थिति पैदा होती है’ जो कानूनी जांच में नहीं टिक नहीं सकती।

आईओए ने शेट्टी के नेतृत्व वाले आईजीयू को मान्यता दी थी जबकि ब्रिजिंदर सिंह की अध्यक्षता वाले दूसरे गुट को 30 दिसंबर को जारी एक पत्र में अमान्य घोषित किया था।

आईओए अध्यक्ष पीटी उषा द्वारा हस्ताक्षर पत्र में कहा गया है कि राष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने रेड्डी की अध्यक्षता वाले गुट को मान्यता देने से पहले ‘तथ्यों की समीक्षा’ और ‘प्रक्रियात्मक अनुपालन की जांच’ की थी।

हालांकि मंत्रालय ने आईओए को ओलंपिक चार्टर का पालन करने, मामले की समीक्षा करने और संचालन संस्था के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए उचित उपाय करने की सलाह दी है।

मंत्रालय ने दो जनवरी को लिखे पत्र में कहा, ‘‘मंत्रालय के संज्ञान में आया है कि आईओए के अध्यक्ष ने 30 दिसंबर 2024 को एक अन्य निर्वाचित संस्था को मान्यता पत्र जारी किया है जिसमें उसके फैसले को उचित ठहराने के लिए कुछ कारण बताए गए हैं।’’

इसमें कहा गया, ‘‘यह स्पष्ट नहीं है कि भारतीय ओलंपिक संघ की कार्यकारी समिति या आईओए की संबंधित मान्यता समिति या आईओए की किसी उपयुक्त समिति ने मामले की उचित जांच की है या नहीं और आईजीयू के संविधान और खेल संहिता सहित स्थापित कानूनी प्रावधानों और मानदंडों को ध्यान में रखा है या नहीं। ’’

इसके अनुसार, ‘‘आईओए द्वारा की गई ऐसी कार्रवाइयां अनावश्यक दोहराव और भ्रम पैदा करती हैं और कानूनी जांच के सामना नहीं टिक सकती हैं। ’’

आईजीयू के नये पदाधिकारियों का चुनाव करने के लिए 15 दिसंबर को दो आम सालाना बैठक (एजीएम) आयोजित की गईं थीं। इसमें से एक इंडिया हैबिटेट सेंटर (आईएचसी) में हुई थी, जहां ब्रिजिंदर को फिर से अध्यक्ष चुना गया और इसमें पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश रामेश्वर मलिक को निर्वाचन अधिकारी बनाया गया।

दूसरी एजीएम ओलंपिक भवन में हुई जिसमें शेट्टी को चुना गया और इसमें न्यायमूर्ति ओपी गर्ग (सेवानिवृत्त) निर्वाचन अधिकारी थे। मलिक की देखरेख में हुए चुनावों में एसपीएस तोमर खेल मंत्रालय के प्रतिनिधि थे।

चुनावों से ठीक पहले बंगाल गोल्फ संघ ने न्यायमूर्ति मलिक के निर्वाचन अधिकारी के रूप में नियुक्ति को चुनौती दी थी लेकिन दिल्ली उच्च न्यायालय ने उनकी देखरेख में चुनाव की अनुमति दे दी थी। हालांकि इसने याचिकाकर्ता को चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद कानूनी रूप से चुनौती देने की स्वतंत्रता दी थी।

इसके बाद मंत्रालय ने 28 दिसंबर को एक पत्र जारी कर ब्रिजिंदर को अध्यक्ष और सतीश कुमार शर्मा को सचिव के रूप में आईजीयू के चुनाव को अपनी मंजूरी दे दी।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘यह उल्लेख करना अनुचित नहीं होगा कि आईजीयू के चुनाव का मामला पहले ही अदालत में पहुंच चुका है और दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस मामले में एक तर्कसंगत आदेश पारित किया है। ’’

इसमें कहा गया, ‘‘इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय गोल्फ महासंघ ने भी आईजीयू के नव निर्वाचित अधिकारियों के साथ अपने रिकॉर्ड को अपडेट किया है जो इसकी वेबसाइट पर उपलब्ध है और ऐसा लगता है कि इस तथ्य को भी नजरअंदाज कर दिया गया है। ’’

मंत्रालय ने कहा, ‘‘यह सलाह दी जाती है कि भारतीय ओलंपिक संघ अपने संविधान और ओलंपिक चार्टर में निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन करे और सदस्य राष्ट्रीय खेल महासंघों की स्वायत्तता और प्रक्रियाओं का सम्मान करें। ’’

मंत्रालय ने इस तथ्य पर भी ध्यान दिया कि शेट्टी के नेतृत्व वाले गुट के चुनाव आईओए के परिसर में आयोजित किए गए थे।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘यह देखा गया है कि आईजीयू के संविधान के अनुसार आईजीयू के एक गुट के चुनाव आईजीयू से उचित अनुरोध किए बिना ओलंपिक भवन में आयोजित किए गए थे। खेल संहिता में चुनाव दिशानिर्देशों में यह प्रावधान है कि एनएसएफ का अध्यक्ष ही निर्वाचक मंडल तैयार करता है और उसके बाद निर्वाचन अधिकारी चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू करता है जो पदाधिकारियों के चुनाव के साथ समाप्त होती है। ’’

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