कोच्चि, 24 जुलाई : केरल उच्च न्यायालय ने कोल्लम नगर निगम को निर्देश दिया है कि वह अष्टमुडी झील को अपशिष्ट और कारखानों से निकलने वाले रासायनिक पदार्थ से मुक्त रखने के लिए सख्त कदम उठाए. अदालत ने कोल्लम के उप-जिलाधिकारी को झील के आसपास से अतिक्रमणकारियों को हटाने के लिए कार्रवाई शुरू करने का भी निर्देश दिया. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ए. मुहम्मद मुश्ताक और न्यायमूर्ति एस. मनु की पीठ ने झील के आसपास की भूमि पर अतिक्रमण किए जाने को लेकर नाराजगी जताई.
इसने कहा कि अब समय आ गया है कि इसे भावी पीढ़ियों के लिए सुरक्षित किया जाए तथा झील में पानी का मुक्त प्रवाह भी सुनिश्चित किया जाए. अदालत ने एक अधिवक्ता द्वारा दायर की गई याचिका पर यह निर्देश दिया. याचिका में आरोप लगाया गया था कि नगर निगम झील में अपशिष्ट को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा. याचिकाकर्ता अधिवक्ता बोरिस पॉल ने झील की सफाई, इसके पानी की गुणवत्ता बनाए रखने, अपशिष्ट पदार्थों की उचित निकासी की सुविधा करने और क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने के लिए निर्देश दिए जाने की अपील की थी. यह भी पढ़ें : उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में बदमाशों ने एएमयू परिसर में दो कर्मचारियों को गोली मारी
पीठ ने इस पर कोल्लम नगर निगम के सचिव और अन्य स्थानीय प्राधिकारों के सचिवों को झील में अपशिष्ट को रोकने के लिए की गई कार्रवाई का विवरण अदालत को सौंपने का भी निर्देश दिया. इसने कहा, ‘‘सार्वजनिक स्थानों पर कचरा फेंकने के खिलाफ सरकार के आदेशों के मद्देनजर सचिव को झील में कचरा और अन्य अपशिष्ट को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई करनी होगी. सचिव को आवश्यक आदेश पारित करना होगा और उन्हें इसे अदालत के समक्ष भी प्रस्तुत करना होगा.’’