मुंबई, 22 मई: घरेलू शेयर बाजारों में सोमवार को लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में तेजी रही और बीएसई सेंसेक्स 234 अंक चढ़ गया. एशियाई बाजारों में सकारात्मक रुख के बीच सूचकांक में मजबूत हिस्सेदारी रखने वाली सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनियों तथा रिलायंस इंडस्ट्रीज में लिवाली से बाजार को समर्थन मिला. यह भी पढ़ें: Share Market: शेयर बाजार में लगातार दूसरे दिन गिरावट, सेंसेक्स 372 अंक टूटा
तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 234 अंक यानी 0.38 प्रतिशत की बढ़त के साथ 61,963.68 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 314.78 अंक तक उछल गया था. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 111 अंक यानी 0.61 प्रतिशत की तेजी के साथ 18,314.40 अंक पर बंद हुआ.
सेंसेक्स के शेयरों में टेक महिंद्रा, विप्रो, इन्फोसिस, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, लार्सन एंड टुब्रो, आईटीसी, सन फार्मा, एनटीपीसी और टाइटन प्रमुख रूप से लाभ में रहे. दूसरी तरफ नुकसान में रहने वाले शेयरों में नेस्ले इंडिया, एक्सिस बैंक, टाटा मोटर्स, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और भारतीय एयरटेल शामिल हैं.
उच्चतम न्यायालय की विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के बाद अडाणी समूह की सभी 10 सूचीबद्ध कंपनियों के शेयर बढ़त में रहे. समिति ने कहा है कि अडाणी समूह के शेयरों के भाव में हेराफेरी का उसे कोई सबूत नहीं मिला है. इसके साथ ही अडाणी समूह की कंपनियों में विदेशी कंपनियों के निवेश में हुए कथित उल्लंघन की अलग से हुई सेबी की जांच में ‘कुछ नहीं मिला’ है.
समूह की कंपनियों में अडाणी एंटरप्राइजेज सर्वाधिक 18.84 प्रतिशत और अडाणी विल्मर 10 प्रतिशत बढ़त में रहे. एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट सूचकांक और हांगकांग का हैंगसेंग सकारात्मक दायरे में रहा. यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में मिला-जुला रुख रहा। अमेरिकी बाजार शुक्रवार को मामूली गिरावट के साथ बंद हुए.
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘अमेरिका में कर्ज सीमा बढ़ाये जाने को लेकर बातचीत में संभावित प्रगति की उम्मीद में घरेलू बाजार बढ़त में रहे. चौथी तिमाही में कमजोर प्रदर्शन के बावजूद नीचे भाव पर आने से आईटी कंपनियों में मांग रही.’’
उन्होंने कहा, ‘‘निवेशकों ने अमेरिकी फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक के ब्योरे जारी होने से पहले सतर्क रुख अपनाया. ब्योरे से अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के नीतिगत दर को लेकर रुख का अंदाजा लग सकता है.’’ इस बीच, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.03 प्रतिशत की तेजी के साथ 75.60 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया.
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक शुक्रवार को बिकवाल रहे और उन्होंने 113.46 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे. कई दिनों तक लिवाल रहने के बाद उन्होंने बिकवाली की.
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