नई दिल्ली: उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में गुरुवार को हल्की बारिश होने से भीषण गर्मी से थोड़ी राहत मिली। पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में हल्की और छिटपुट बारिश हुई, जिससे लोगों को कुछ राहत मिली, जबकि राजस्थान में एक दिन पहले पारा 50 डिग्री के करीब पहुंचने के बाद तापमान में हल्की गिरावट देखी गई. इन क्षेत्रों में मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में गरज के साथ आंधी-तूफान आने और हल्की बारिश होने का अनुमान लगाया है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने पूर्वानुमान लगाया है कि उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के मैदानी इलाकों में गर्मी शुक्रवार से और कम होगी. राष्ट्रीय राजधानी में बादल छाए रहने और छिटपुट बारिश से गर्मी से कुछ राहत मिली.
दिन में पारा कई डिग्री नीचे गिरा और शाम के समय शहर में तेज हवाएं चलीं और कई इलाकों में हल्की बारिश हुई. दिल्ली के सफदरजंग वेधशाला में अधिकतम तापामन 40.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. पालम वेधशाला ने अधिकतम तापमान 41.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया, जबकि बुधवार को 47.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. आईएमडी ने कहा कि लोधी रोड और आयानगर के मौसम केंद्रों में अधिकतम तापमान क्रमश: 38.4 डिग्री सेल्सियस और 40.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गय.भारत मौसम विज्ञान विभाग के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि निचले स्तर पर ताजा पश्चिमी विक्षोभ और पुरवैया हवाएं चलने के कारण मौसम में बदलाव हुआ. यह भी पढ़े: दिल्ली-एनसीआर में धूल भरी आंधी और बारिश से लोगों को गर्मी से मिली राहत
29-30 मई को दिल्ली-एनसीआर में 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने के साथ धूल भरी आंधी और गरज के साथ तूफान आने की आशंका है. उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के बांदा में तापमान 44.6 डिग्री सेल्सियस और झांसी में 44.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. राज्य की राजधानी लखनऊ में भीषण गर्मी से थोड़ी राहत मिली और तापमान 35.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. अगले 24 घंटों के दौरान उत्तर प्रदेश के कुछ स्थानों पर बारिश, तूफान और धूल भरी आंधी चलने का अनुमान है।राजस्थान के कुछ हिस्सों में लू के साथ भीषण गर्मी का प्रकोप बृहस्पतिवार को भी जारी रहा। चूरू और श्रीगंगानगर सबसे अधिक तापमान के साथ सबसे गर्म रहे।मौसम विभाग के अनुसार चूरू व श्रीगंगानगर में अधिकतम तापमान 46.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं जैसलमेर में यह 45.4 डिग्री सेल्सियस, बीकानेर में 45.2 डिग्री सेल्सियस,कोटा में 45 डिग्री सेल्सियस, बाडमेर में 44.3 डिग्री सेल्सियस, जयपुर में 44.1 डिग्री सेल्सियस, जोधपुर में 42.3 डिग्री सेल्सियस, और अजमेर में 44.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
वहीं राज्य के प्रमुख शहरों में न्यूनतम तापमान 28.7 डिग्री सेल्सियस से लेकर 33.7 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया।विभाग ने आगामी 24 घंटों के दौरान बीकानेर, चूरू, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, नागौर, जयपुर, जोधपुर, अलवर, भरतपुर, सीकर, दौसा और झुंझुनूं जिलों में कहीं कहीं धूलभरी आंधी के साथ 50-60 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से तेज हवाओं के चलने की संभावना जताई है। हरियाणा और पंजाब के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश होने और तेज हवा चलने से लोगों को भीषण गर्मी से थोड़ी राहत मिली और कई स्थानों पर अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया. मौसम विभाग ने कहा कि दोनों राज्यों की साझा राजधानी चंडीगढ़ में हल्की बारिश होने से अधिकतम तापमान 37.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो कि सामान्य सीमा से कुछ कम रहा.
वहीं, हरियाणा के करनाल में अधिकतम तापमान 35.4 डिग्री सेल्सियस जबकि अंबाला में अधिकतम तापमान 36.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इस बीच, पिछले दो दिन से भीषण गर्मी झेल रहे नारनौल और हिसार में भी पारे में गिरावट रही और तापमान पिछले दिनों की तुलना में सामान्य से कुछ डिग्री नीचे दर्ज किया गया. पंजाब में भी गर्मी से परेशान लोगों को कुछ राहत मिली। अमृतसर में अधिकतम तापमान 38.8 डिग्री सेल्सियस, लुधियाना में 38.7 डिग्री सेल्सियस और पटियाला में 37.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो कि सामान्य से कुछ कम रहा मौसम वैज्ञानिकों ने 29 और 30 मई को हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान जताया है।विज्ञान विभाग ने बृहस्पतिवार को बताया कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर चक्रवात की स्थिति बनने की वजह से दक्षिण पश्चिम मानसून केरल में एक जून को दस्तक दे सकता है.
विभाग ने 15 मई को जारी अपने पूर्वानुमान में कहा था कि मानसून पांच जून को दक्षिणी राज्य में आ सकता है। यह मानसून की सामान्य तिथि से चार दिन बाद की तारीख है। केरल में आमतौर पर एक जून को मानसून दस्तक दे देता है।बहरहाल, बंगाल की खाड़ी के ऊपर चक्रवात की स्थिति बनने के कारण मानसून की प्रगति में मदद मिलने की संभावना है।विभाग ने कहा, " दक्षिण पूर्व और सटे हुए पूर्व मध्य अरब सागर में 31 मई से चार जून के दौरान कम दबाव का क्षेत्र बन सकता है। यह स्थिति केरल में एक जून को मानसून लाने के लिए अनुकूल है.
कम दबाव का क्षेत्र किसी भी चक्रवात का पहला चरण है। यह जरूरी नहीं है कि हर कम दबाव का क्षेत्र चक्रवात का रूप ले ले।मौसम विभाग के मुताबिक, देश में इस साल सामान्य बारिश होने की संभावना है।विभाग ने कहा कि पश्चिम-मध्य अरब सागर के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। इसके अगले 48 घंटे के दौरान दबाव के क्षेत्र में बदलने की संभावना है।उसने बताया कि इसके अगले तीन दिनों में उत्तर पश्चिम में दक्षिण-ओमान और पूर्वी यमन के तट की ओर बढ़ने की प्रबल संभावना हैमौसम की इस स्थिति के तहत, 28 से 31 मई के दौरान दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत के इलाकों में भारी बारिश होने की संभावना है। साथ में 30-31 मई को केरल और लक्षद्वीप में भी भारी बारिश हो सकती है. विभाग ने त्रिपुरा और मिजोरम में अगले 24 घंटे के दौरान भारी बारिश और असम तथा मेघालय में तेज बारिश का पूर्वानुमान जताया है।
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