Online Shares Scam: ऑनलाइन शेयरों की खरीद-फरोख्त में सॉफ्टवेयर इंजीनियर और परिवार से 5.14 करोड़ रु की ठगी, दो गिरफ्तार
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मुंबई, 14 जून : महाराष्ट्र के मुंबई में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर और उसके परिवार के सदस्यों से ऑनलाइन शेयरों की खरीद-फरोख्त में निवेश के नाम पर धोखाधड़ी करने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. अधिकारी ने बताया कि पीड़ित को इससे 5.14 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. उन्होंने बताया कि पुलिस ने इस मामले में बुधवार को एक ट्यूशन टीचर और चौकीदार को गिरफ्तार किया था. दोनों पर साइबर ठगों को वित्तीय लेनदेन के लिए बैंक खाते उपलब्ध कराने का आरोप है. अधिकारी ने बताया कि मुंबई के साकीनाका के रहने वाले एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर द्वारा अप्रैल में मुंबई अपराध शाखा की साइबर पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज कराने के बाद यह मामला सामने आया.

उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता ने दावा किया कि उसे जनवरी में ऑनलाइन शेयर व्यापारियों के एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया और फिर उसने भी शेयरों की खरीद-फरोख्त में निवेश करने की इच्छा जताई. जिसके बाद उसे एक कॉल आया और प्रशिक्षण लेने के लिए कहा गया. उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता ने एक एप्लीकेशन डाउनलोड किया और उसका 'वर्चुअल अकाउंट' बन गया. अधिकारी ने बताया कि शिकायतकर्ता ने शेयरों की खरीद-फरोख्त में पैसा लगाया और मुनाफा कमाना शुरू कर दिया. इसके बाद उसके परिवार के सदस्यों ने भी पैसा लगाना शुरू किया और उन्होंने दो महीने में विभिन्न बैंक खातों में 5.14 करोड़ रुपये स्थानांतरित किए. उन्होंने बताया कि पीड़ितों के 'वर्चुअल अकाउंट' से यह पता चला कि ऑनलाइन शेयरों की खरीद-फरोख्त में पैसा निवेश करने से उन्हें मुनाफा हुआ था और उनके खाते में 87.85 करोड़ रुपए थे. हालांकि वे ये रकम निकाल नहीं पाए थे. यह भी पढ़ें : राकांपा ने शरद पवार गुट के सांसद के हिस्ट्रीशीटर के घर जाने पर सवाल उठाए

पुलिस ने इस मामले की जांच के दौरान उन बैंक खातों की जांच की जिनमें पीड़ितों ने अपना पैसा जमा किया था और उनमें से एक खाता चौकीदार हमप्रीत सिंह रंधवा (34) का था. अधिकारी ने बताया कि विरार निवासी रंधवा ने पुलिस को बताया कि ट्यूशन टीचर विमल प्रकाश गुप्ता (45) ने मेरे नाम पर बैंक खाता खोलकर इसे साइबर जालसाजों को वित्तीय लेनदेन के लिए दे दिया था. उन्होंने बताया कि इसके बाद पुलिस ने गुप्ता को गोरेगांव से गिरफ्तार कर लिया. पुलिस को जांच के दौरान यह पता चला कि गुप्ता का 'टेलीग्राम ऐप' के जरिए साइबर जालसाजों से संपर्क हुआ था. अधिकारी ने बताया कि जालसाजों ने वित्तीय लेनदेन के लिए बैंक खाते खोलने में उनकी मदद करने के लिए गुप्ता को कथित तौर पर पैसे देने की बात कही थी.