इंदौर, 16 सितंबर मध्यप्रदेश मानवाधिकार आयोग ने यहां एक सरकारी अस्पताल के मुर्दाघर में लावारिस शव के सड़ जाने और कंकाल में बदल जाने के मामले में बुधवार को पुलिस और प्रशासन से रिपोर्ट तलब की। आयोग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेंद्र कुमार जैन ने महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवायएच) के मुर्दाघर में स्ट्रैचर पर रखे गये लावारिस शव के सड़ जाने को लेकर जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और इस सरकारी अस्पताल के अधीक्षक से चार हफ्ते में रिपोर्ट मांगी है।
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अधिकारी ने बताया कि आयोग ने मीडिया की खबरों पर इस घटना का संज्ञान लिया है। खबरों में कहा गया है कि सरकारी अस्पताल के कर्मचारियों की कथित लापरवाही के चलते लावारिस शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जा सका जिससे यह मुर्दाघर में स्ट्रैचर पर पड़े-पड़े सड़ गया और कंकाल बन गया।
इस बीच, सोशल मीडिया के जरिये मामले का खुलासा होने पर सकते में आये एमवायएच प्रबंधन ने जांच के आदेश दिये हैं। अस्पताल के अधीक्षक प्रमेंद्र ठाकुर ने बताया, "हमने लावारिस शव सड़ने के मामले की जांच के लिये समिति बनायी है। जांच में एमवायएच का जो भी कर्मचारी दोषी पाया जायेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।"
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ठाकुर ने हालांकि जांच का हवाला देते हुए यह नहीं बताया कि कंकाल बन गया लावारिस शव किस व्यक्ति का है और एमवायएच के मुर्दाघर में शव कब लाया गया था?
पुलिस भी इस सवाल से कन्नी काटती दिखायी दे रही है। संयोगितागंज पुलिस थाने के प्रभारी राजीव त्रिपाठी ने कहा, "एमवायएच प्रबंधन ही जानकारी दे सकता है कि लावारिस शव अस्पताल के मुर्दाघर में कब और कैसे पहुंचा था?"
उन्होंने कहा, "पिछले दिनों हमें संयोगितागंज क्षेत्र में जितने भी लावारिस शव मिले, उन सबका कानूनी औपचारिकताओं के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया है।"
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