पुडुचेरी: पुडुचेरी में सोमवार को वी नारायणसामी (V Narayanasamy) नीत सरकार गिर गई. केंद्र शासित प्रदेश के करीब 50 साल के इतिहास में यह कोई नई बात नहीं है. इससे पहले भी पांच सरकारें अपना कार्यकाल पूरा किए बिना गिर चुकी हैं. सिर्फ चार सरकारें अपना कार्यकाल पूरा कर पाई हैं. कुछ सरकारें विधायकों के दल बदलने के कारण गिरी तो कई गठबंधन सरकारें घटक दलों में कलह की वजह से अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सकीं.
विधायकों को पार्टी बदलने से रोकने के लिए दलबदल विरोधी कानून लागू किया गया. इसका कुल मिलाकर असर भी दिखा. हालांकि दलबदल की छिटपुट घटनाएं जारी रहीं , उदाहरण के तौर पर 1985 में अन्नाद्रमुक से विपक्षी द्रमुक में जाने वाले तीन विधायकों को अयोग्य ठहराया गया. पुडुचेरी में सिर्फ पांच सरकारें अपना कार्यकाल पूरा कर सकीं हैं, जिनमें 1985 की फारूक के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार, 1991 की वी वैथीलिंगम के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार, 2001 की एन रंगासामी के अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार और 2011 की रंगासामी नीत एआईएनआरसी सरकार शामिल है. यह भी पढ़े: Puducherry: कांग्रेस के हाथ से निकला पुडुचेरी, मुख्यमंत्री वी नारायणसामी विधानसभा में नहीं साबित कर सके बहुमत, दिया इस्तीफा
वहीं जो सरकारें अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सकीं हैं, उनमें द्रमुक-भाकपा गठबंधन सरकार (1969), अन्नाद्रमुक (1974 और 1977), द्रमुक-कांग्रेस सरकार (1980), द्रमुक-जनता दल सरकार (1990) और नारायणसामी नीत कांग्रेस-द्रमुक गठबंधन सरकार शामिल है. वर्ष 1974 में अन्नाद्रमुक पार्टी से संबंधित तत्कालीन मुख्यमंत्री रामासामी और तत्कालीन उपराज्यपाल छेदी लाल के बीच भी टकराव हुआ था, लेकिन नारायणसामी और पूर्व उपराज्यपाल किरण बेदी के बीच जैसा विवाद हुआ, वैसा पहले नहीं हुआ.
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