बेंगलुरु, 27 अक्टूबर : कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने राज्य को सूखा राहत देने में कथित तौर पर देरी को लेकर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर शुक्रवार को सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि क्या भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार राज्य से ‘बदला’ ले रही है. सिद्धरमैया ने कहा कि राज्य के 236 तालुकाओं में से 216 सूखे की चपेट में हैं. उन्होंने रेखांकित किया कि केंद्र की टीम ने राज्य में सूखे की स्थिति का आकलन करने के लिए दौरा किया और सहमत थी कि सूखे की स्थिति है लेकिन भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
सिद्धरमैया ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘ राज्य के 216 तालुके गंभीर सूखे की चपेट में हैं. अब तक मुआवजे के नाम पर केंद्र की ओर से एक पैसा तक जारी नहीं किया गया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी! आपका विशाल हृदय दुनिया की पीड़ा और दुख पर तो दुखी होता है तो कन्नड भाषी लोगों के प्रति इतना कठोर क्यों?’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह केवल मेरा सवाल नहीं है बल्कि आत्मसम्मान को महत्व देने वाले साढ़े छह करोड़ कन्नड भाषियों का सवाल है.’’
हैशटैग ‘जवाबदो मोदी’ के साथ मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्नाटक को सूखे से करीब 33,770 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है लेकिन 17,901 करोड़ रुपये की मदद की गुहार लगाने के बावजूद केंद्र ने ‘चुप्पी’ साध रखी है. उन्होंने कहा कि यह भाजपा नेताओं द्वारा मई विधानसभा चुनाव में कन्नड भाषियों को दी गई धमकी को याद करने का समय है.
सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘ उसके नतीजे अब हम देख रहे हैं. क्यों भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री कर्नाटक को राहत देने के मामले में चुप हैं? इसलिए क्योंकि उनके दिल में कन्नड भाषियों के प्रति नफरत है.’’ कर्नाटक में इस साल मई में हुए चुनाव में कांग्रेस ने 224 सदस्यीय विधानसभा में 135 सीटों पर जीत दर्ज कर भाजपा को सत्ता से बेदखल कर दिया था. विधानसभा चुनाव में भाजपा को 66 और जनता दल (सेकुलर) को 19 सीटों पर जीत मिली थी.
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