सिद्धरमैया ने घोटालों की जांच तेज करने के पीछे “प्रतिशोध की राजनीति” के आरोप से किया इंकार
CM Siddaramaiah | Credit- ANI

बेंगलुरु, 11 सितंबर : कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शासन में हुए घोटालों की जांच की समीक्षा और समन्वय के लिए मंत्रियों की समिति गठित करने को लेकर विपक्षी दल के ‘बदले की राजनीति’ के आरोपों को खारिज किया है. यह समिति पिछली भाजपा सरकार के दौरान हुए विभिन्न घोटालों की सरकार और जांच एजेंसियों द्वारा छानबीन के संबंध में की जाने वाली कार्रवाई की समीक्षा और समन्वय के लिए गठित की गई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे मामलों की जांच में तेजी लाने के लिए समिति का गठन किया गया है और सरकार गलत काम करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगी. सिद्धरमैया ने पत्रकारों से कहा, “(विधानसभा में) बहस का जवाब देते हुए मैंने पिछली भाजपा सरकार के दौरान हुए 21 से अधिक घोटालों का जिक्र किया था. इन सभी की जांच में तेजी लाने तथा इस संबंध में सरकार और मंत्रिमंडल को सलाह देने के लिए मंत्रिमंडलीय उप समिति का गठन किया गया है.’’

कुछ मामलों की जांच के लिए पहले से ही जांच आयोगों के गठन पर उन्होंने कहा, “सभी मामलों के लिए जांच आयोगों का गठन नहीं किया गया है. घोटाले या उपनिरीक्षक भर्ती, 40 प्रतिशत कमीशन, कोविड-19, बिटकॉइन जैसे मामलों के लिए जांच आयोगों का गठन किया गया है.” सिद्धरमैया ने कहा कि मंत्रिमंडल उप समिति जांच की प्रगति की समीक्षा करेगी तथा आवश्यक कार्रवाई के लिए सरकार को सिफारिश करेगी. उन्होंने कहा, “मैंने समिति से दो महीने में रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है.” भाजपा द्वारा इस कदम को “प्रतिशोध की राजनीति” करार दिए जाने पर सिद्धरमैया ने कहा, “उन्होंने (मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण भूखंड आवंटन घोटाले के संबंध में) मेरे साथ क्या राजनीति की है?” उन्होंने कहा,“हम प्रतिशोध की राजनीति नहीं करते, क्या हमने ऐसा तब किया था जब मैं पहले मुख्यमंत्री था? अब भी हमने ऐसा नहीं किया है, लेकिन हम उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे जिन्होंने गलत किया है...(ऐसे) मामलों की जांच में तेजी लाने के लिए समिति का गठन किया गया है.“ वहीं, गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने कहा कि मंत्रियों की समिति की बैठक इस हफ्ते होने की संभावना है. यह भी पढ़ें : कालिंदी एक्सप्रेस को पटरी से उतारने की कोशिश के बाद दिल्ली पुलिस ने रेलकर्मियों को सतर्क रहने को कहा

परमेश्वर ने कहा कि विभिन्न चरणों में लंबित प्रत्येक मामले की समीक्षा की जाएगी. उन्होंने कहा कि कुछ मामलों पर फैसला हो गया है जबकि कुछ पर फैसला होना है. मंत्री के मुताबिक, समीक्षा के बाद “रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए एक कैबिनेट उपसमिति गठित की गई है. संभवत: इसी सप्ताह मैं समिति की बैठक बुलाऊंगा.” उन्होंने यहां पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि ऐसे मामलों की पहचान कर ली गई है और उनकी वस्तु-स्थिति रिपोर्ट मंत्रिमंडल को सौंपी जाएगी. परमेश्वर ने मंगलवार को कहा था कि भाजपा शासन के दौरान 20-25 घोटाले हुए हैं और उन सभी की समीक्षा की जाएगी. कानून एवं संसदीय कार्य मंत्री एच.के. पाटिल, राजस्व मंत्री कृष्ण बी. गौड़ा, ग्रामीण विकास मंत्री प्रियांक खरगे और श्रम मंत्री संतोष लाड समिति के सदस्य हैं.