श्रीनगर, 28 सितंबर जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने सोमवार को कहा कि शोपियां के कथित फर्जी मुठभेड़ मामले की जांच अंतिम चरण में है। इस घटना में राजौरी जिले के तीन लोग मारे गए थे।
सिंह ने पुलवामा जिले के अवंतीपुरा में संवाददाताओं से कहा, ‘‘एसएसपी, शोपियां खुद मामले की जांच प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं और मामले के बारे में अन्य विवरण जल्द ही साझा किए जाएंगे। हमारी जांच अंतिम चरण में है।’’
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उन्होंने कहा कि सेना और पुलिस दोनों मामले की जांच कर रही हैं। बहरहाल, उन्होंने ब्यौरा देने से इनकार कर दिया।
सुरक्षा बलों ने 18 जुलाई को शोपियां के अमसीपुरा में मुठभेड़ में तीन आतंकवादियों को मारने का दावा किया था। लेकिन राजौरी के तीन परिवारों ने कहा था कि मारे गए लोग उनके लापता सदस्य हो सकते हैं।
इसके बाद इस मामले में डीएनए परीक्षण कराए गए और 40 दिनों के बाद उपलब्ध करायी गयी रिपोर्ट में पता चला कि मारे गए लोग वास्तव में राजौरी से लापता व्यक्ति थे।
सेना ने इस महीने की शुरुआत में एक बयान में स्वीकार किया कि सैनिकों ने सशस्त्र बल विशेष अधिकार कानून अधिनियम के तहत प्राप्त शक्तियां का ‘‘प्रथम दृष्टया उल्लंघन किया है।’’
सिंह ने कहा कि पिछले हफ्ते शहर के हवाल इलाके में एक वकील की हत्या से जुड़े मामले में जांचकर्ताओं को कुछ सुराग मिले हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें (अधिवक्ता) बाबर कादरी मामले में कुछ सुराग मिले हैं और उम्मीद है कि बहुत जल्द जम्मू कश्मीर पुलिस इसका खुलासा करेगी। हमने इस संबंध में पहले ही एक एसआईटी गठित कर दी है और जांच की जा रही है।’’
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