देश की खबरें | शिवसेना (उबाठा) स्थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़ेगी : राउत

नागपुर, 11 जनवरी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में महा विकास आघाडी (एमवीए) की हार को लेकर आरोप-प्रत्यारोप के बीच गठबंधन के प्रमुख घटक शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने स्थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़ने की शनिवार को घोषणा की। इस कदम से विपक्षी खेमे की एकता पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है।

शिवसेना (उबाठा) के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी आगामी स्थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़ेगी। उन्होंने गठबंधन में संबंधित दलों के कार्यकर्ताओं के लिए अवसरों की कमी और संगठनात्मक विकास के अधिकार को अकेले चुनाव लड़ने के प्रमुख कारणों के रूप में उद्धृत किया।

दो दिन पहले उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने कांग्रेस को झटका देते हुए पांच फरवरी को होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) को समर्थन देने की घोषणा की थी।

राउत की घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए एक कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व इस बात पर फैसला करेगा कि कांग्रेस स्थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़ेगी या नहीं, जिसका कार्यक्रम अभी घोषित होना बाकी है।

शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) ने कहा कि शिवसेना (उबाठा) के फैसले से एमवीए के तीनों घटकों की चुनावी संभावनाओं पर असर पड़ेगा।

राज्यसभा सांसद राउत ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) और एमवीए लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘गठबंधन में अलग-अलग दलों के कार्यकर्ताओं को अवसर नहीं मिलते और इससे संगठनात्मक विकास में बाधा आती है। हम मुंबई, ठाणे, नागपुर और अन्य नगर निगमों, जिला परिषदों व पंचायतों के चुनाव अपने दम पर लड़ेंगे।’’

राउत ने कहा कि शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पार्टी को संकेत दिए हैं कि उसे अकेले चुनाव लड़ना चाहिए।

उन्होंने एमवीए में समन्वय की कमी के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया।

राज्य विधानसभा चुनाव में एमवीए की हार को लेकर आरोप-प्रत्यारोप के लिए कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार पर निशाना साधते हुए राउत ने कहा कि जो लोग आम सहमति और समझौते में विश्वास नहीं करते, उन्हें गठबंधन में रहने का कोई अधिकार नहीं है।

उन्होंने दावा किया कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ने लोकसभा चुनावों के बाद एक भी बैठक नहीं की।

शिवसेना (उबाठा) नेता ने कहा, ‘‘हम ‘इंडिया’ के लिए एक संयोजक भी नियुक्त नहीं कर पाए। यह ठीक नहीं है। गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते, बैठक बुलाना कांग्रेस की जिम्मेदारी है।’’

महाराष्ट्र विधानसभा में राकांपा (एसपी) विधायक दल के नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि अगर शिवसेना (उबाठा) अकेले जाने की इच्छुक है, तो वह उसे नहीं रोक सकते।

उन्होंने कहा, "अगर वे अकेले जाना चाहते हैं, तो हम उन्हें रोकने वाले कौन होते हैं? हम किसी को जबरन साथ नहीं ले जा सकते। विधानसभा चुनाव में हार के बाद हमें साथ रहने की जरूरत है। मुझे नहीं लगता कि यह सही फैसला है। इससे एमवीए के तीनों दलों की चुनावी संभावनाएं प्रभावित होंगी।"

राकांपा (एसपी) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने कहा कि पार्टियां हमेशा स्थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़ती रही हैं।

उन्होंने कहा, "स्थानीय निकाय चुनाव पार्टी कार्यकर्ताओं के होते हैं। अगर हम अपनी सुविधा के अनुसार चुनाव लड़ेंगे, तो कार्यकर्ता क्या करेंगे, केवल नेताओं की दरी उठाएंगे?"

नागपुर से कांग्रेस विधायक विकास ठाकरे ने कहा कि अगर शिवसेना (उबाठा) अकेले दम पर चुनाव मैदान में उतरने का रास्ता चुनती है, तो कांग्रेस भी ऐसा करने के लिए तैयार है।

हालांकि, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के गोवा प्रभारी माणिकराव ठाकरे ने कहा कि स्थानीय निकाय चुनावों पर पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व फैसला करेगा।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना (उबाठा) की घोषणा को ज्यादा तवज्जो नहीं दी।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "हमें इस बात की चिंता नहीं है कि एमवीए बरकरार रहेगा या नहीं। मेरी सरकार महाराष्ट्र की प्रगति और विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। मुझे आगामी सभी चुनावों में लोगों का समर्थन मिलने का भरोसा है।"

स्थानीय निकाय चुनावों में अकेले उतरने की शिवसेना (उबाठा) की घोषणा ऐसे समय में आई है, जब पार्टी द्वारा भाजपा और फडणवीस की "राजनीति में कुछ भी हो सकता है" टिप्पणी की आलोचना में नरमी बरतने की अफवाहें जोर पकड़ रही हैं।

फडणवीस ने शुक्रवार को एक साक्षात्कार में कहा था, "अगर आप 2019 से 2024 तक के घटनाक्रमों को देखें, तो मुझे लगता है कि नहीं कभी नहीं कहना चाहिए और कुछ भी हो सकता है। उद्धव ठाकरे दूसरे खेमे में चले जाते हैं और अजित पवार हमारे पास आ जाते हैं। राजनीति में कुछ भी हो सकता है। हालांकि, मैं यह नहीं कह रहा हूं कि ऐसा होना चाहिए।"

मुख्यमंत्री ने कहा था कि उनके अलग हुए मित्र उद्धव ठाकरे कोई "शत्रु" नहीं हैं।

कांग्रेस की मुंबई इकाई की अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ ने आरोप लगाया कि शिवसेना (उबाठा) के साथ गठबंधन में लड़े गए लोकसभा और विधानसभा चुनावों में सीट बंटवारे में पार्टी को मांग के अनुरूप सीट नहीं दी गई।

गायकवाड़ ने कहा, "कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मानना ​​है कि हमें नगर निकाय चुनावों में अधिक अवसर मिलने चाहिए। हम पार्टी कार्यकर्ताओं की भावना को केंद्रीय नेताओं तक पहुंचाएंगे, जो स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने की रणनीति पर फैसला लेंगे।"

उन्होंने कहा कि हर दल को अपना जनाधार बढ़ाने का अधिकार है और पार्टी आलाकमान को कांग्रेस कार्यकर्ताओं की इस भावना से अवगत कराया जाएगा।

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