नयी दिल्ली, 19 अगस्त भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने वैकल्पिक निवेश कोषों (एआईएफ) और उद्यम पूंजी कोषों (वीसीएफ) को उन विदेशी कंपनियों में निवेश की अनुमति दे दी है, जिनका भारत के साथ संबंध नहीं है।
अभी तक एआईएफ और वीसीएफ सिर्फ उन्हीं विदेशी इकाइयों में निवेश कर सकते थे, जिनका भारत के साथ संबंध हो। मसलन ऐसी कंपनियों का यदि विदेश में कार्यालय है, तो भारत में भी कामकाज को समर्थन देने के लिए दफ्तर होना जरूरी था।
सेबी की ओर से जारी परिपत्र में कहा गया है, ‘‘विदेशी निवेश के लिए कंपनी के भारतीय संबंध की जरूरत को खत्म कर दिया गया है।’’
हालांकि, नियामक ने इसके साथ ही स्पष्ट किया है कि ऐसी किसी कंपनी में निवेश नहीं किया जा सकता, जो ऐसे देशों में स्थित हैं जिनकी पहचान वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) ने की है। इस तरह की कंपनियों के साथ धन शोधन या आतंकवाद के वित्तपोषण जैसा कोई मामला जुड़ा हो सकता है।
इसके अलावा एआईएफ या वीसीएफ को उन्हीं विदेशी कंपनियों में निवेश की अनुमति होगी, जिनका गठन ऐसे देश में हुआ है, जिनके प्रतिभूति बाजार नियामक ने अंतरराष्ट्रीय प्रतिभूति आयोग संगठन (आईओएससीओ) के साथ बहुपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं या उन्होंने सेबी के साथ द्विपक्षीय समझौते पर दस्तखत किए हैं।
नए दिशानिर्देशों के अनुसार, एआईएफ या वीसीएफ को विदेशी निवेश सीमा के लिए एक प्रारूप में सेबी के पास आवेदन करना होगा।
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