देश की खबरें | डोडा में मुठभेड़, कठुआ आतंकी हमले के बाद तलाशी अभियान का दायरा बढ़ाया गया

जम्मू, नौ जुलाई सुरक्षा बलों ने मंगलवार शाम को छिपे हुए आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के बाद डोडा जिले के ऊंचाई वाले एक वन क्षेत्र के चारों ओर अपनी घेराबंदी कड़ी कर दी। वहीं जम्मू क्षेत्र के कठुआ जिले में सेना के एक गश्ती दल पर घातक हमले के जिम्मेदार आतंकवादियों की तलाशी अभियान का दायरा बढ़ाते हुए विशेष बलों को तैनात किया गया है। अधिकारियों ने हमले की जांच में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को भी शामिल किया है।

कठुआ में हुए हमले में पांच सैनिक शहीद हो गये थे, जबकि पांच अन्य घायल हो गये।

राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आर.आर. स्वैन मछेड़ी क्षेत्र में अभियान की निगरानी के लिए पहुंचे।

अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों की तलाश का दायरा बढ़ाकर उधमपुर और कठुआ जिलों के बड़े क्षेत्रों तक फैला दिया गया है तथा आतंकवादियों के खिलाफ लक्षित अभियान चलाने के लिए विशेष बलों को तैनात किया गया है।

कठुआ में अभियान अभी जारी था, तभी डोडा शहर से 35 किलोमीटर पूर्व में स्थित घाडी भगवा जंगल में गोलीबारी शुरू हो गई। यह मुठभेड़ कम से कम तीन विदेशी आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया सूचना के आधार पर तलाशी और घेराबंदी अभियान के बाद शुरू हुई।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक जानकारी से पता चला है कि जवाबी कार्रवाई में कम से कम दो आतंकवादी मारे गए तथा यह कहना जल्दबाजी होगी कि वे मारे गए हैं या घायल हुए हैं।

भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने सोमवार को जिला मुख्यालय कठुआ से लगभग 150 किलोमीटर दूर बदनोटा गांव के पास माछेड़ी-किंडली-मल्हार पहाड़ी मार्ग पर अपराह्न करीब साढ़े तीन बजे दो सैन्य वाहनों पर ग्रेनेड फेंके और अंधाधुंध गोलीबारी की। पांच महीने के अंदर जम्मू क्षेत्र में आंतकवाद की इस पांचवीं घटना में पांच सैनिक शहीद हो गये थे।

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने उत्तराखंड के शहीद सैनिकों- नायब सूबेदार आनंद सिंह, हवलदार कमल सिंह, राइफलमैन अनुज नेगी, नायक विनोद सिंह और राइफलमैन आदर्श नेगी को श्रद्धांजलि अर्पित की।

पंजाब के पठानकोट सैन्य अड्डे पर एक भव्य पुष्पांजलि समारोह आयोजित किया गया, जिसके बाद उनके पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए उनके गृह राज्य ले जाया गया।

सेना, पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (केरिपुब) की ओर से कई क्षेत्रों में संयुक्त घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया गया है, जिसमें उन्नत निगरानी तकनीक से लैस हवाई और जमीनी दलों की मदद ली जा रही है।

अधिकारियों ने बताया कि सोमवार की मुठभेड़ में शामिल आतंकवादियों का पता लगाने के लिए हेलीकॉप्टर से विशेष बलों को उतारा गया। घने जंगल में अभियान में शामिल सैनिकों की सहायता के लिए ड्रोन की भी मदद ली गई।

उन्होंने बताया कि खोजी कुत्तों के अलावा हेलीकॉप्टर और यूएवी निगरानी के जरिये भी सैनिकों को सहायता दी जा रही है।

अधिकारियों ने बताया कि एडीजीपी (कानून-व्यवस्था) विजय कुमार और एडीजीपी, जम्मू जोन, आनंद जैन के साथ स्वैन ने हवाई सर्वेक्षण किया और मौके पर पुलिस व सेना के अधिकारियों के साथ बैठक की।

तलाश अभियान का दायरा बढ़ाकर उधमपुर और कठुआ के समीपवर्ती जिलों के बड़े क्षेत्रों को शामिल कर लिया गया है, जिनमें बसंतगढ़, सेओज (उधमपुर का एक ऊंचाई वाला क्षेत्र) और कठुआ जिले के बानी, डग्गर और किंडली के ऊपरी इलाके शामिल हैं।

सोमवार का हमला 21 अप्रैल 2023 को भीमभेर गली-मेंढर में सेना के ट्रक से जुड़ी आतंकी घटना के समान ही था, जिसमें पांच सैनिकों की जान चली गई थी।

अधिकारियों ने क्षेत्र में विदेशी आतंकवादियों की उपस्थिति में वृद्धि देखी है, तथा हाल के हमलों में प्रयुक्त हथियारों और रणनीति की पड़ताल जारी है।

कठुआ-उधमपुर-डोडा और पुंछ-राजौरी-रियासी क्षेत्रों में इन आतंकवादियों द्वारा उत्पन्न खतरे को बेअसर करने के अपने प्रयासों में सुरक्षा बल सतर्क हैं।

एनआईए जम्मू-कश्मीर पुलिस की सहायता करेगी।

उन्होंने बताया कि एनआईए अधिकारियों की एक टीम को पुलिस की जांच में हरसंभव सहयोग देने के लिए जम्मू क्षेत्र के कठुआ भेजा गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जांच एजेंसी ने आतंकवादी हमले की जांच के लिए मामला दर्ज नहीं किया है।

जानमाल के नुकसान पर शोक व्यक्त करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आतंकवादी हमले को “कायरतापूर्ण कृत्य” बताया और कड़े जवाबी कदम उठाने का समर्थन किया।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जवानों की हत्या पर गहरा दुख व्यक्त किया और कहा कि सशस्त्र बल क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए दृढ़ संकल्प हैं।

राजनीतिक दलों ने भी जम्मू कश्मीर में हाल में आतंकी घटनाओं में तेजी पर चिंता जाहिर की है।

कांग्रेस ने कहा कि जम्मू क्षेत्र का “आतंकवादी घटनाओं का केंद्र बनना” मोदी सरकार की “रणनीतिक विफलता” को दर्शाता है और मांग की कि केंद्र को स्थिति से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों पर देश को विश्वास में लेना चाहिए।

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह घटना चिंताजनक है और उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन पर सुरक्षा स्थिति के प्रति ढुलमुल रवैया अपनाने का आरोप लगाया।

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