एनालेना बैरबॉक ने सऊदी अरब में आयोजित सीरिया के भविष्य पर एक सम्मेलन में पत्रकारों को संबोधित किया। इस सम्मेलन में यूरोपीय और पश्चिमी एशिया के शीर्ष राजनयिकों ने भाग लिया।
जर्मनी उन देशों में से एक है जिन्होंने असहमति पर क्रूर कार्रवाई करने के लिए असद सरकार पर प्रतिबंध लगाए हैं।
ये प्रतिबंध सीरिया को लगभग 14 साल के गृहयुद्ध से उबरने में बाधा बन सकते हैं। गृह युद्ध में अनुमानित 500,000 लोग मारे गए और 2.30 करोड़ लोग विस्थापित हुए हैं।
बैरबॉक ने कहा, “गृहयुद्ध के दौरान गंभीर अपराध करने वाले असद के गुर्गों के खिलाफ प्रतिबंध लागू रहना चाहिए। लेकिन जर्मनी प्रतिबंधों के लिए एक सही दृष्टिकोण अपनाने का प्रस्ताव करता है, जिससे सीरियाई आबादी को तेजी से राहत मिल सके। सीरियाई लोगों को अब सत्ता परिवर्तन से त्वरित लाभ की आवश्यकता है।”
बैरबॉक ने भोजन, आपातकालीन आश्रयों और चिकित्सा देखभाल के लिए जर्मन सहायता में अतिरिक्त 5.12 करोड़ अमेरिकी डॉलर की घोषणा की।
अमेरिका, यूरोपीय और कुछ अरब देशों ने 2011 के विद्रोह पर असद द्वारा की गयी कार्रवाई के बाद प्रतिबंध लगाना शुरू कर दिया और संघर्ष के युद्ध में तब्दील होने पर उन्हें और कड़ा कर दिया।
प्रतिबंध न केवल सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों पर लगाये गये थे बल्कि देश के तेल उद्योग, अंतरराष्ट्रीय धन हस्तांतरण और असद सरकार से जुड़ी सैकड़ों संस्थाओं व लोगों पर भी लागू किये गये थे, जिससे अर्थव्यवस्था को व्यापक नुकसान पहुंचा था।
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