Nayab Singh Saini on Congress: सैनी का कांग्रेस के अभियान पर निशाना, बोले- सत्ता में रहते हुए किसानों के लिए क्या किया?
Nayab Singh Saini | Photo- ANI

चंडीगढ़, 16 अगस्त : हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस साल हुई सामान्य से कम बारिश के कारण किसानों को मुआवजा देने के लिए उनकी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि विपक्षी पार्टी कांग्रेस जब सत्ता में थी तब वह केवल ‘‘मामूली रकम’’ देती थी. राज्य में विधानसभा चुनावों की संभावित घोषणा से पहले सैनी ने कांग्रेस पर हमला तेज कर दिया है. शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में सैनी ने कांग्रेस के ‘हरियाणा मांगे हिसाब’ अभियान पर निशाना साधा और उस पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया. यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें हरियाणा में चुनाव की तारीखों की घोषणा शाम तक किए जाने की जानकारी है, सैनी ने मजाकिया लहजे में कहा, ‘‘ऐसा किसने कहा? चुनाव तय समय पर होंगे.’’ मुख्यमंत्री ने सामान्य से कम बारिश के कारण प्रभावित किसानों को 2,000 रुपये प्रति एकड़ बोनस के रूप में मुआवजा देने के, कैबिनेट के हालिया फैसले का जिक्र किया. उन्होंने कहा, ‘‘इसके तहत हमने शुक्रवार को 525 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी कर दी है.’’ सैनी ने कहा कि निर्धारित पोर्टल पर पंजीकरण कराने वाले सभी किसानों को उनके नुकसान की भरपाई की जाएगी.

सैनी ने कहा कि राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार ने पिछले दस वर्षों में किसानों के हितों के लिए कई कदम उठाए हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘कांग्रेस किसानों के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाती है. उन्हें बताना चाहिए कि 2005-2014 के बीच दस वर्षों में उन्होंने किसानों से कितनी फसल खरीदी.’’ उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस अपने शासन के दौरान फसल नुकसान की भरपाई के लिए दो रुपये, पांच रुपये की मामूली राशि के चेक सौंपती थी. भाजपा सरकार ने पिछले दस वर्षों में किसानों को फसल नुकसान की भरपाई के तौर पर 13,276 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया है.’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल के दौरान उचित मूल्य नहीं मिलने पर किसान ‘‘अपनी फसलों को सड़कों पर डालकर चले जाते थे.’’

सैनी ने कहा कि भाजपा सरकार में किसानों के बैंक खातों में 72 घंटे के भीतर भुगतान किया जाता है. यह भी पढ़ें : Kolkata Rape Murder Case: कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में तोड़फोड़ मामले में 19 गिरफ्तार

उन्होंने ‘हरियाणा मांगे हिसाब’ अभियान को ‘झूठ की यात्रा’ करार देते हुए कहा, ‘‘जो लोग हमसे हिसाब मांग रहे हैं, मैं उन्हें आईना दिखाना चाहता हूं और बताना चाहता हूं कि हम किस तरह किसानों के हित में फैसले ले रहे हैं और उन्हें सशक्त बना रहे हैं.’’ सैनी ने कहा कि कांग्रेस इन दिनों ईमानदारी का मुखौटा पहने हुए है, लेकिन हर कोई जानता है कि कैसे किसानों की जमीन ‘‘सीएलयू (भूमि इस्तेमाल में बदलाव) के नाम पर उनसे छीन ली गई’’ और बिल्डरों को सौंप दिया गया. कांग्रेस 15 जुलाई को अपने ‘हरियाणा मांगे हिसाब’ अभियान की शुरुआत के बाद से भाजपा पर हमलावर है और किसानों के साथ-साथ बेरोजगारी, कानून व्यवस्था और अन्य मुद्दों पर सत्तारूढ़ पार्टी को निशाना बना रही है.