नयी दिल्ली: सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar), राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) और रिकी पोंटिंग (Ricky Pointing) ने भले ही विश्व क्रिकेट में अपनी अमिट छाप छोड़ी हो लेकिन वे दुनिया के उन कई दिग्गज बल्लेबाजों में शामिल हैं जो टेस्ट तो क्या कभी प्रथम श्रेणी मैचों में भी तिहरा शतक नहीं जमा पाये. डान ब्रैडमैन ने प्रथम श्रेणी मैचों में सर्वाधिक छह दोहरे शतक जमाये हैं जबकि वर्तमान बल्लेबाजों में भारत के चेतेश्वर पुजारा और रविंद्र जडेजा के नाम पर तीन – तीन तिहरे शतक दर्ज हैं लेकिन वर्तमान समय में जिन चार बल्लेबाजों विराट कोहली, स्टीवन स्मिथ, केन विलियमसन और जो रूट को लेकर सर्वश्रेष्ठता की चर्चा चलती है उनमें से अब तक कोई भी तिहरे शतक तक नहीं पहुंच पाया.
यही नहीं एक समय भारत के ‘फैब फोर’ रहे तेंदुलकर, द्रविड़, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण में से केवल एक बल्लेबाज ही तिहरे शतक तक पहुंच पाया है. यह बल्लेबाज लक्ष्मण हैं जिन्होंने एक बार नहीं बल्कि दो बार ऐसा कारनामा किया है. तेंदुलकर के समकालीन ब्रायन लारा ने अपने तीन में से दो तिहरे शतक टेस्ट मैचों में लगाये हैं. ब्रैडमैन, वीरेंद्र सहवाग और क्रिस गेल ने भी टेस्ट मैचों में दो दो तिहरे शतक लगाये हैं लेकिन प्रथम श्रेणी क्रिकेट में चार तिहरे शतक लगाने वाले बिल पोंसफोर्ड कभी टेस्ट मैचों में यह कारनामा नहीं दिखा पाये. वॉली हैमंड के नाम पर भी चार तिहरे शतक दर्ज हैं जिनमें से एक उन्होंने टेस्ट मैचों में लगाया है. यह भी पढ़ें: पाकिस्तान के शोएब अख्तर को बनना है भारतीय टीम का गेंदबाजी कोच, सचिन तेंदुलकर के बारे में भी कही ये बड़ी बात
तेंदुलकर ने 200 टेस्ट और 310 प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं लेकिन उनका उच्चतम स्कोर 248 रन हैं जो उन्होंने टेस्ट मैचों में बनाया. द्रविड़ (270), पोंटिंग (257), गांगुली (239), जाक कैलिस (224), एलिस्टेयर कुक (294), एबी डिविलियर्स (नाबाद 278), कोहली (नाबाद 254), जो रूट (254), रोस टेलर (290), केन बैरिंगटन (256), क्लाइव लायड (नाबाद 242), एलन बोर्डर (206) आदि उन खिलाड़ियों में शामिल हैं जिन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट का अपना सर्वोच्च स्कोर टेस्ट मैचों में बनाया. प्रथम श्रेणी मैचों में सर्वाधिक शतक लगाने वाले बल्लेबाजों में चौथे और पांचवें नंबर पर काबिज फिल मीड (153 शतक) और ज्योफ्री बायकॉट (151 शतक) भी कभी तिहरा शतक नहीं लगा पाये. एशियाई ब्रैडमैन जहीर अब्बास ने भी प्रथम श्रेणी मैचों में शतकों का शतक पूरा किया है लेकिन उनका सर्वोच्च स्कोर 274 है जो उन्होंने टेस्ट मैचों में बनाया था. इस सूची में टाम ग्रेवनी, लेग एमिस, अर्नेस्ट टिलडेसी और डेनिस एमिस भी शामिल हैं. यह भी पढ़ें: सचिन तेंदुलकर को आउट नहीं कर पाने की निराशा से अब भी नहीं उबर पाये हैं सईद अजमल
विश्व क्रिकेट में अपनी खास छाप छोड़ने वाले इयान और ग्रेग चैपल तथा स्टीव और मार्क वॉ भी कभी 300 रन की संख्या तक नहीं पहुंच पाये. इस सूची में रोहन कन्हाई, गोर्डन ग्रीनिज, डेसमंड हेन्स, डेविड गावर, अरविंद डिसिल्वा, गुंडप्पा विश्वनाथ, दिलीप वेंगसरकर, एलेक स्टीवर्ट, गैरी कर्स्टन, स्टीफन फ्लेमिंग, एंड्रयू स्ट्रास, एडम गिलक्रिस्ट, मोहम्मद यूसुफ जैसे अपने जमाने के दिग्गज बल्लेबाज भी शामिल हैं. प्रथम श्रेणी मैचों में पहला तिहरा शतक 1876 में डब्ल्यूजी ग्रेस ने एमसीसी की तरफ से केंट के खिलाफ केंटरबरी में बनाया था. तब से लेकर अब तक 200 से अधिक तिहरे शतक लग चुके हैं लेकिन कुछ ऐसे विशुद्ध बल्लेबाज भी हैं जो लंबे समय तक इन क्रिकेट में बने रहने के बावजूद कभी दोहरा शतक भी नहीं लगा पाये. ऐसे बल्लेबाजों में सबसे चर्चित नाम इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वान का है जिन्होंने 268 प्रथम श्रेणी मैच खेले लेकिन वह अपने 42 शतकों को कभी दोहरे शतक में नहीं बदल पाये.