विदेश की खबरें | रूस ने यूरोपीय मानवाधिकार अदालत से संबंध तोड़ने की पुष्टि की

संसद द्वारा मंगलवार को उठाए गए इस कदम ने रूस और यूरोप महाद्वीप के प्रतिष्ठित मानवाधिकार संगठन ‘काउंसिल ऑफ यूरोप’ के बीच संबंधों में आयी दरार को औपचारिक रूप दे दिया है।

रूसी संसद के निचले सदन ‘स्टेट डूमा’ द्वारा पारित नये कानूनों के अनुसार, रूसी प्रशासन 15 मार्च के बाद ‘यूरोपीय कोर्ट ऑफ ह्यूमन राइट्स’ द्वारा जारी किसी भी आदेश को मानने के लिए बाध्य नहीं है।

गौरतलब है कि रूस ने 15 मार्च को काउंसिल ऑफ यूरोप से अगल होने की घोषणा की थी और संगठन ने अगले ही दिन यूक्रेन के साथ युद्ध को लेकर रूस को संगठन से बाहर निकाल दिया था।

गौरतलब है कि हाल के वर्षों में राजनीतिक दुर्भावना से लेकर घरेलू हिंसा तक के मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों में रूसी अदालतों में जीत नहीं मिलने पर हजारों की संख्या में रूसी नागरिक अंतिम विकल्प के रूप में यूरोपीय मानवाधिकार अदालत की रूख कर रहे थे।

स्टेट डूमा के स्पीकर व्याचेस्लाव वोलोदिन ने सोमवार को टेलीग्राम पर अदालत को ‘‘पश्चिमी राजनीतिज्ञों के हाथों में हमारे देश के खिलाफ राजनीतिक युद्ध का हथियार बताया और कहा कि ‘‘उसके कुछ फैसले रूसी संविधान, हमारे मूल्यों और हमारी परंपराओं के बिल्कुल खिलाफ हैं।’’

वोलोदिन ने इस संबंध में रूस में संविधान संशोधन द्वारा गैरकानूनी करार दिए गए समलैंगिक विवाह को मंजूरी देने की मांग करने वाले अदालत के फैसले के बारे में बताया।

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कीव : यूक्रेन के प्रशासन ने संयुक्त राष्ट्र की परमाणु ऊर्जा एजेंसी के प्रमुख को दक्षिण यूक्रेन में स्थित रूस के नियंत्रण वाले परमाणु संयंत्र का दौरा करने की अनुमति नहीं दी।

अंतरराष्ट्रीय नाभिकीय ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के निदेशक राफेल मारीआनो ग्रोस्सी ने कहा कि वह यूरोप के सबसे बड़े परमाणु संयंत्र जोपोरिझझिया का दौरा करके उसकी रक्षा और सुरक्षा में मदद करना चाहते हैं।

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मास्को : बेहद असंसदीय का उपयोग करते हुए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के एक शीर्ष सहयोगी ने देश के विरोधियों की कटु आलोचना की है। यह यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि में रूस और पश्चिमी देशों के बीच के बढ़ते तनाव को परिलक्षित करता है।

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