कोलकाता, 17 अगस्त पश्चिम बंगाल के लगभग सभी अस्पतालों के चिकित्सक स्थानीय आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ कथित बलात्कार और हत्या की घटना के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों में शनिवार को शामिल हुए, जिससे पूरे राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित रहीं।
घटना के विरोध में कई जूनियर डॉक्टर ने आठ दिन पहले हड़ताल शुरू की थी और ‘इंडियन मेडिकल एसोसिएशन’ (आईएमए) के आह्वान पर 24 घंटे की राष्ट्रव्यापी हड़ताल में वरिष्ठ चिकित्सक भी शामिल हो गए, जिससे सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों के बाह्य रोगी विभागों (ओपीडी) में सेवाएं प्रभावित हुईं।
इस बीच, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्राचार्य डॉ. संदीप घोष से दूसरे दौर की पूछताछ की। पूछताछ शुक्रवार शाम को शुरू हुई थी और आधी रात के बाद तक जारी रही थी।
परास्नातक प्रशिक्षु चिकित्सक का शव नौ अगस्त को आरजी कर अस्पताल के सेमिनार कक्ष में मिला था। पुलिस ने इस सिलसिले में अगले दिन एक आरोपी को गिरफ्तार किया था।
एजेंसी अस्पताल के पूर्व प्राचार्य को पूछताछ के लिए शुक्रवार को अपने साथ ले गई थी और उनसे देर रात एक बजकर 40 मिनट तक पूछताछ की गई थी।
सूत्रों ने बताया कि घोष से पहले चिकित्सक की मौत को लेकर अस्पताल की प्रतिक्रिया के बारे में पूछताछ की गई।
सूत्रों ने बताया कि उन्हें शनिवार की सुबह साढ़े दस बजे से कुछ पहले साल्ट लेक के सीजीओ कॉम्प्लेक्स में सीबीआई कार्यालय में कुछ कागजात और फाइल लेकर फिर से प्रवेश करते देखा गया था और अंतिम सूचना मिलने तक वह परिसर से बाहर नहीं निकले थे।
केंद्रीय जांच एजेंसी के अलग-अलग दल अपराध स्थल आरजी कर अस्पताल और साल्ट लेक स्थित कोलकाता पुलिस सशस्त्र बल की चौथी बटालियन के बैरक में भी पहुंचीं, जहां गिरफ्तार मुख्य आरोपी संजय रॉय रह रहा था।
एक अधिकारी ने बताया कि आरजी कर अस्पताल में जांचकर्ताओं ने नमूने एकत्र किए और उन्हें परीक्षण के लिए केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला भेज दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने वहां रह रहे पुलिसकर्मियों से बात की और आरोपी की शुक्रवार सुबह की गतिविधियों के बारे में पूछताछ की। उन्होंने यह जानकारी ली कि रॉय बैरक में कब लौटा और वहां पहुंचने के बाद उसने क्या किया।’’
अधिकारी ने बताया कि बाद में वही टीम दक्षिण कोलकाता में शंभुनाथ पंडित स्ट्रीट, रॉय के किराये के आवास पर पहुंची और उसकी मां से उसके हाल के ठिकाने के बारे में बात की तथा उसका लिखित बयान दर्ज किया।
उन्होंने कहा कि पूछताछ के पहले दौर में पूर्व प्राचार्य घोष से महिला चिकित्सक की मौत की खबर मिलने के बाद उनकी पहली प्रतिक्रिया के बारे में पूछा गया। उनसे सवाल किए गए कि उन्होंने परिवार को सूचित करने का निर्देश किसे दिया था तथा कैसे और किसने पुलिस से संपर्क किया था।
अधिकारी के मुताबिक, घोष से साप्ताहिक ‘रोस्टर’ के बारे में भी पूछा गया, जिसके अनुसार पीड़िता की 36 घंटे या कभी-कभी 48 घंटे तक की ड्यूटी लगाई गई थी।
अधिकारी ने ‘पीटीआई-’ से कहा, ‘‘कुछ जवाब घुमा फिरा कर दिए गए थे।’’
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