नागपुर, 19 दिसंबर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बृहस्पतिवार को भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से प्याज के निर्यात पर 20 प्रतिशत शुल्क हटाने और इसके उत्पादकों को राहत देने का आग्रह किया।
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को लिखे पत्र में पवार ने नासिक जिले के किसानों से संबंधित मुद्दों पर प्रकाश डाला, जहां प्याज बड़ी मात्रा में उगाया जाता है।
पवार ने लिखा, ‘‘यहां (नासिक में) उगाया जाने वाला प्याज भारत के अन्य राज्यों में उपलब्ध हैं और बड़ी मात्रा में निर्यात भी किया जाता है। आज तक, गर्मियों की उपज वाला प्याज समाप्त हो गया है और ताजा फसल महाराष्ट्र में विभिन्न (कृषि उपज) बाजार समितियों में पहुंच गई है।’’
पवार ने कहा कि प्याज के बड़े स्टॉक के आने के कारण, किसान अब संकट में हैं क्योंकि उन्हें अपनी उपज बहुत कम दर पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, उन्हें अभी तक कोई न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि वे औसतन 2,400 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर प्याज बेच रहे हैं।
पवार ने लिखा कि बेमौसम बारिश और बदलते मौसम ने पहले ही प्याज किसानों की कमाई में भारी कमी ला दी है। वह फिलहाल महाराष्ट्र के राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के लिए नागपुर में हैं।
पवार की पार्टी महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में भाजपा की सहयोगी है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अगर उन्हें (किसानों को) उत्पादन लागत से भी कम कीमत दी जाती है, तो प्याज किसानों को भारी नुकसान होगा।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के प्याज की विदेशों में काफी मांग है। महाराष्ट्र देश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक राज्य है और नासिक जिले के लासलगांव में एशिया का सबसे बड़ा थोक बाजार है।
किसानों के अनुसार, केंद्र ने प्याज के निर्यात पर 20 प्रतिशत शुल्क लगाया है, जिसके कारण प्याज अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता खो रहा है।
पवार ने गोयल को लिखे पत्र में लिखा कि प्याज पर 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क हटाया जाना चाहिए ताकि किसान राहत की सांस ले सकें और अपने नुकसान की कुछ भरपाई कर सकें।
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