नयी दिल्ली, 16 जुलाई वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने मंगलवार को कहा कि ई-कॉमर्स के जरिये देश के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए नियामकीय व्यवस्था सितंबर तक तैयार होने की उम्मीद है।
बर्थवाल ने कहा कि वर्तमान में इस माध्यम से देश का निर्यात लगभग पांच अरब डॉलर ही है, जबकि चीन का 300 अरब डॉलर सालाना है।
उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स माध्यम से निर्यात को बढ़ावा देने की काफी संभावनाएं हैं। इस संबंध में मंगलवार को मंत्रालय में राजस्व जैसे संबंधित विभागों तथा लॉजिस्टिक और ‘मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म’ जैसे क्षेत्रों के उद्योग प्रतिनिधियों के साथ बैठक हुई।
बर्थवाल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम देश में ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र स्थापित करने पर काम कर रहे हैं। हमने इसकी रूपरेखा पर चर्चा की। यह हमारे 100 दिन के एजेंडा में शामिल है।’’
रूपरेखा तैयार होने की समयसीमा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह काम सितंबर तक पूरा होने की उम्मीद है।
ई-कॉमर्स के जरिये निर्यात आने वाले वर्षों में 50-100 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह व्यवस्था ई-कॉमर्स निर्यात केंद्रों और नियामकीय परिवेश के लिए होगी... ये केंद्र हवाई अड्डों और बंदरगाहों के पास बनेंगे।’’
जिन उत्पादों के निर्यात में भारी संभावनाएं हैं, उनमें आभूषण, परिधान, हस्तशिल्प और ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) से जुड़े सामान शामिल हैं।
सचिव ने कहा कि उद्योग किसी वित्तीय सहायता की मांग नहीं कर रहा है और उसे केवल कराधान को लेकर एक अच्छे नियामकीय परिवेश की आवश्यकता है। वे लौटाए गए सामान को लेकर स्थिति में स्पष्टता चाहते हैं।
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