विमानन परिसंपत्तियों से जुड़े विवाद के समाधान के प्रावधान वाले विधेयक को मिली राज्यसभा की मंजूरी

नयी दिल्ली, 1 अप्रैल : राज्यसभा ने मंगलवार को विमानन क्षेत्र से जुड़े एक महत्वपूर्ण विधेयक को मंजूरी दे दी जिसमें विमान एवं इंजन जैसी विमानन परिसंपत्ति की वसूली को लेकर एयरलाइनों एवं पट्टा देने वालों के बीच विवादों का समाधान अंतरराष्ट्रीय संधि के अनुसार करने का प्रावधान है. नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने वायुयान संपत्तियों में हित संरक्षण विधेयक, 2025 पर उच्च सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि इस विधेयक के जरिये केपटाउन संधि एवं प्रोटोकॉल को अंगीकार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस विधेयक पर भारत काफी पहले ही हस्ताक्षर कर चुका है. मंत्री के जवाब के बाद सदन ने विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया. विधेयक पर विपक्षी सदस्यों द्वारा लाये गये संशोधन प्रस्ताव खारिज कर दिये गये. विधेयक पर हुई चर्चा के जवाब में नायडू ने कहा कि 2014 में भारत में घरेलू यात्री बाजार 6.07 लाख का था, जो 2024 में बढ़कर 10.63 करोड़ का हो गया. उन्होंने कहा कि 2014 में अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की संख्या 4.3 करोड़ थी जो 2024 में बढ़कर 6.68 करोड़ हो गयी है.

उन्होंने कहा कि इस अवधि में विमानों की संख्या भी करीब 359 से बढ़कर आज 840 हो गयी है. उन्होंने कहा कि आज इन विमानों द्वारा प्रतिदिन चार हजार यात्राएं की जाती हैं. नायडू ने कहा कि देश में 2014 में 74 हवाई अड्डे थे जिनकी संख्या 2025 में बढ़कर 159 हो गयी. उन्होंने कहा कि पिछले दस साल में विमानन क्षेत्र में भारत जैसा विकास किसी अन्य देश में नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि एयरलाइनों के दिवालिया हो जाने पर कानूनी विवाद के कारण उनके विमान खड़े रहते हैं, जिससे पूरे उद्योग को बहुत नुकसान होता है विशेषकर विमान पट्टा देने वाले पक्षों को. उन्होंने कहा कि उद्योग चाहता है कि पट्टे पर विमान देने के मामले में देश में स्पष्ट कानून होने चाहिए और इसी जरूरत को ध्यान में रखते हुए यह विधेयक लाया गया. नायडू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सवाल किया था कि भारत में विमानों को पट्टे पर देने का कारोबार क्यों नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के इस सुझाव के बाद सरकार घरेलू उद्योग को इस क्षेत्र में प्रोत्साहन देने के लिए गंभीरता से काम कर रही है. उन्होंने कहा कि इस विधेयक के कानून बनने के बाद विमानन उद्योग को कई तरह से लाभ और सहूलियत मिलेगी. यह भी पढ़ें : आप विधायकों ने दिल्ली में बिजली कटौती पर विधानसभा में चर्चा की मांग की

नायडू ने कहा कि सरकार चाहती है कि बिहार से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का परिचालन शुरू किया जाए. उन्होंने कहा कि बिहार में पटना के पास ऐसी सुविधाएं शुरू करने के बारे में विचार चल रहा है. उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट में इसके लिए कुछ घोषणाएं करने का स्वागत किया.

नागर विमानन मंत्री ने कहा कि किसी भी देश में हवाई किरायों में एक समान नीति नहीं होती और इस मामले में संतुलित रुख रखना पड़ता है. हालांकि उन्होंने सदन को आश्वासन दिया कि यदि इस मामले में कोई गलत चलन या कानून विरूद्ध काम होता है तो सरकार उस पर तुरंत कार्रवाई करेगी. इससे पहले विधेयक पर हुई चर्चा में भाग लेते हुए जनता दल (यू) के संजय कुमार ने कहा कि आज एयरलाइनों के पास जितने विमान होते हैं, उनमें 90 विमान पट्टे पर हैं. उन्होंने कहा कि एयरलाइनों के दिवालिया हो जाने के कारण पट्टे पर विमान देने वाले पक्षों को बहुत समस्याओं का समाना करना पड़ता है और इसके लिए लंबी कानूनी लड़ाई चलती है.

झा ने कहा कि इस विधेयक के कानून बन जाने से अब भारतीय एयरलाइनों को घरेलू बाजार से विमान पट्टे पर लेने में मदद मिलेगी. भाजपा के सदानंद महालू शेट तनावडे ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि इस विधेयक के कारण निवेशकों का भारत में भरोसा बढ़ेगा और एयरलाइनों को पट्टे पर विमान लेने में मदद मिलेगी क्योंकि देश में विमानन क्षेत्र का आकार तेजी से बढ़ रहा है. नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कर्नाटक के कलबुर्गी हवाई अड्डे के विकास के बारे में सरकार से प्रश्न पूछा और कहा कि यह बेंगलुरू के बाद राज्य का सबसे बड़ा हवाई अड्डा है. भाकपा के संदोष कुमार पी और माकपा के ए ए रहीम ने विभिन्न एयरलाइन यात्रियों पर तमाम तरह के शुल्क लगाने की ओर सरकार का ध्यान खींचा और कहा कहा कि इस पर नियंत्रण के लिए कानूनी उपाय करने चाहिए.