नोएडा (उप्र), चार अक्टूबर. कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा के शनिवार को हाथरस जाने के दौरान यहां डीएनडी फ्लाईओवर पर पार्टी कार्यकर्ताओं के कथित तौर पर हंगामा करने को लेकर करीब 500 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी. कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर कथित तौर पर धारा 144 का उल्लंघन करने और महामारी अधिनियम के तहत यह मामला शनिवार देर रात थाना सेक्टर-20 में दर्ज किया गया।
अपर पुलिस उपायुक्त, जोन प्रथम, रणविजय सिंह ने बताया कि शनिवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा सहित पार्टी के कई नेता हाथरस जाने के लिए दिल्ली से डीएनडी फ्लाईओवर पहुंचे थे. कांग्रेस कार्यकताओं और पुलिस के बीच नोकझोंक के बाद राहुल समेत पांच लोगों को हाथरस जाने की अनुमति दी गई. यह भी पढ़े | Bihar Assembly Elections 2020: बिहार में 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी VIP, पार्टी अध्यक्ष मुकेश सहनी ने RJD नेता तेजस्वी यादव पर लगाए कई आरोप.
उन्होंने बताया कि पुलिस ने कानून-व्यवस्था का हवाला देते हुए पार्टी के अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं को आगे जाने की अनुमति नहीं दी. अपर उपायुक्त ने कहा कि इस कारण कांग्रेस की गौतम बुद्ध नगर जिला इकाई के अध्यक्ष मनोज चौधरी सहित करीब चार-पांच सौ कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया तथा धारा 144 व महामारी अधिनियम का उल्लंघन किया. उन्होंने बताया कि घटना की रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस मामले की जांच कर रही है.
उल्लेखनीय है कि शनिवार को राहुल और प्रियंका के हाथरस के लिए निकलने के समय दिल्ली-उप्र सीमा पर भारी हंगामा देखने को मिला था. कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं के बड़ी संख्या में जमा होने तथा पुलिस के साथ उनकी नोकझोंक हुई तथा पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा.
कांग्रेस का दावा है कि पुलिस की लाठी चार्ज में उसके कई कार्यकर्ता घायल हो गए. शनिवार को राहुल और प्रियंका ने हाथरस पहुंच कर कथित सामूहिक बलात्कार पीड़िता के परिवार से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया और कहा कि न्याय के लिए लड़ने का वादा किया.
गौरतलब है कि 14 सितम्बर को हाथरस में अगड़ी जाति के चार युवकों ने 19 वर्षीय एक दलित युवती से कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया था। मंगलवार सुबह दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता की मौत हो गई, जिसके बाद बुधवार तड़के उसके शव का दाह-संस्कार कर दिया गया।
पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें रात में ही दाह-संस्कार करने के लिए बाध्य किया। बहरहाल, स्थानीय पुलिस का कहना है कि ‘‘परिवार की इच्छा के मुताबिक’’ ऐसा किया गया.
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