उन्होंने प्रदेश कार्यालय में प्रेस वार्ता में कहा कि नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार की गरीब कल्याण अन्न योजना का पूरे देश की जनता स्वागत कर रही है। इससे गरीबों, मजदूरों और जरूरतमंदों के चेहरे पर राहत की खुशी है, और ऐसे में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जो बयान दिया, वह गैर जिम्मेदाराना है।
प्रकाश ने कहा कि राज्य सरकार को बयानबाजी छोड़ गरीब कल्याण अन्न वितरण योजना को धरातल पर उतारना चाहिए।
सोरेन ने बुधवार को कहा था कि प्रधानमंत्री द्वारा नवंबर तक देश के गरीबों को मुफ्त अनाज देने की योजना से झारखंड को कोई विशेष लाभ नहीं होगा और केंन्द्र की मंशा भी इस सिलसिले में स्पष्ट नहीं है।
प्रकाश ने कहा कि राज्य सरकार अपनी जिम्मेवारी से भागना चाहती है। विगत तीन महीनों का अनुभव यह बताता है कि गोदामों में अनाज भरा पड़ा है, परन्तु गरीब जनता अनाज के लिए तरस रही है। भूख से मौत की खबरें भी आईं।
उन्होंने कहा कि जुलाई से नवंबर तक फिर से केंद्र सरकार ने पांच महीनों के लिए प्रति व्यक्ति पांच किलोग्राम चावल या गेहूं और एक किलोग्राम चना देने की योजना शुरू की है। डेढ़ लाख करोड़ रुपये की इस योजना से देश के 80 करोड़ जरूरतमंद गरीब लाभान्वित होंगे।
भाजपा नेता ने दावा किया कि झारखंड में भी केन्द्र की इस योजना से 60 लाख से ज्यादा परिवार जुड़ेंगे।
प्रकाश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गरीबों के हमदर्द हैं। कोविड 19 संक्रमण काल में जिस प्रकार उन्होंने सेनापति की भूमिका निभाई, उससे आज भारत इस महामारी में विश्व के विकसित देशों की तुलना में कहीं ज्यादा सुरक्षित है।
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