देश की खबरें | जलगांव में कोविड-19 मरीज की मौत की जांच को लेकर जनहित याचिका दायर
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मुंबई, 16 जून महाराष्ट्र के जलगांव जिले में मरीजों की दुर्दशा को लेकर एक सामाजिक कार्यकर्ता और दो अन्य ने बंबई उच्च न्यायालय का रुख किया है और कोविड-19 की 82 वर्षीय मरीज की मौत की जांच का अनुरोध किया है जो वहां के सिविल अस्पताल के शौचालय में मृत मिली थी।

उच्च न्यायालय की औरंगाबाद पीठ के समक्ष पिछले हफ्ते दायर जनहित याचिका में, उन्होंने अदालत से सिविल अस्पताल के डीन और प्रशासनिक प्रमुख के खिलाफ कथित लापरवाही के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने की अपील की है जिसके चलते मालती नेहेते की मौत हुई थी जिनका शव शौचालय में मिला था।

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याचिकाकर्ताओं ने नेहेते के परिवार के लिए 50 लाख रुपये का मुआवजा और जिले में बेहतर कोविड देखभाल केंद्र की भी मांग की। याचिकाकर्ताओं में कार्यकर्ता प्रतिभा शिंदे और जलगांव के निवासी कमलाभाई बिरहडे और रफीक तड़वी शामिल हैं।

नेहेते, दो जून को जलगांव सिविल अस्पताल से लापता हो गई थी और उनका शव आठ दिन बाद अस्पताल के शौचालय में मिला था।

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अधिवक्ता अंकित कुलकर्णी के माध्यमम से दायर अपनी याचिका में, बिरहडे और तड़वी ने कहा कि उन्होंने जिले में पर्याप्त सुविधाओं का अभाव देखा है क्योंकि कोरोना वायरस के चलते उन्होंने अपने जीवनसाथियों को खोया है।

उनकी जनहित याचिका में दावा किया गया कि आधिकारिक रिकॉर्ड के मुताबिक, महाराष्ट्र में सबसे अधिक मृत्यु दर जलगांव में है और यह “राष्ट्रीय औसत से चार गुणा ज्यादा है।”

याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि पिछले कुछ हफ्तों में स्थिति बदतर हो गई है, खासकर ‘‘सिविल अस्पताल के कुप्रबंधन, अपर्याप्त चिकित्सा सुविधाओं और अस्पताल अधिकारियों एवं जिला प्रशासन की लापरवाही की वजह से।”

सिविल अस्पताल जिले में एकमात्र सरकारी चिकित्सा केंद्र है और यह कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए निर्दिष्ट अस्पताल है।

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