आप, उसके नेताओं को अपमानजनक टिप्पणियां करने से रोकें : उपराज्यपाल का अदालत से अनुरोध
आम आदमी पार्टी (Photo Credits: Facebook)

नयी दिल्ली, 22 सितंबर : उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने बृहस्पतिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से अनुरोध किया कि वह आम आदमी पार्टी (आप) और उसके नेताओं को उनके और उनके परिवार के खिलाफ ‘फर्जी’ आरोप लगाने पर रोक लगाए. गौरतलब है कि आप और उसके नेताओं ने सक्सेना पर आरोप लगाया है कि खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष रहते हुए वह 1,400 करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल थे. न्यायमूर्ति अमित बंसल ने मामले में करीब दो घंटे सुनवाई की और वादी सक्सेना को अंतरिम राहत देते हुए इस पर फैसला सुरक्षित रख लिया.

इसके अलावा सक्सेना ने अनुरोध किया कि अदालत आप और उसके नेताओं आतिशी सिंह, सौरभ भारद्वाज, दुर्गेश पाठक, सजय सिंह और जैशमीन शाह को निर्देश दे कि वे उनके खिलाफ सोशल मीडिया तथा अन्य मंचों पर लगाए गए फर्जी और अपमानजनक आरोपों, ट्वीट और वीडियो आदि को डिलीट करें. उन्होंने आप और उसके पांच नेताओं से मुआवजा के रूप में 2.5 करोड़ रुपये और उस पर ब्याज की मांग की है. यह भी पढ़ें : इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर ने छात्र आंदोलन का समर्थन किया

सक्सेना के अधिवक्ता ने उच्च न्यायालय से अनुरोध किया कि वह ट्विटर और यू-ट्यूब (गूगल इंक) को वादी और उनके परिवार के सदस्यों को टैग करके किए गए ट्वीट, रि-ट्वीट, पोस्ट, वीडियो व तस्वीरों के साथ लिखे टैगलाइन को अपने-अपने मंचों से हटाने निर्देश दे. वही, आप और उनके नताओं के अधिवक्ता ने दलील दी कि यह तथ्यात्मक बयान है कि सक्सेना के केवीआईसी के अध्यक्ष पद पर रहने के दौरान उनकी बेटी को खादी का ठेका दिया गया जो नियमों के खिलाफ था तथा किसी ने इस बयान का खंडन नहीं किया है.