नयी दिल्ली, 29 मार्च भारत के पूर्व प्रधानमंत्रियों को समर्पित प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन 14 अप्रैल को संविधान निर्माता डॉ. भीम राव आंबेडकर की जयंती के अवसर पर किया जाएगा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
दिल्ली के तीन मूर्ति एस्टेट में बनाया जा रहा यह संग्रहालय अब तक के सभी 14 भारतीय प्रधानमंत्रियों के जीवन और समय तथा उनके योगदान को प्रदर्शित करेगा। जवाहरलाल नेहरू से जुड़ा संग्रह नेहरू मेमोरियल संग्रहालय में रहेगा।
भाजपा के एक सूत्र ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन 14 अप्रैल को डॉ. भीम राव आंबेडकर की जयंती के दिन होगा। तारीख इसलिए चुनी गई है क्योंकि प्रधानमंत्रियों ने हमारे संविधान का पालन करते हुए काम किया है।’’
सूत्र ने यह भी संकेत दिया है कि दो पूर्व प्रधानमंत्रियों मनमोहन सिंह और एच डी देवेगौड़ा को इस अवसर पर विशेष रूप से आमंत्रित किए जाने की संभावना है। सरकार ने संग्रहालय के उद्घाटन के लिए पहले दो तारीखों- 25 दिसंबर या 26 जनवरी के बारे में विचार किया था। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती 25 दिसंबर को होती है, जिसे ‘सुशासन दिवस’ के रूप में भी मनाया जाता है।
संग्रहालय को 271 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है और इसे 2018 में मंजूरी दी गई थी।
तीन मूर्ति भवन में नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय से सटी 10,000 वर्ग मीटर भूमि पर बने इस संग्रहालय में पूर्व प्रधानमंत्रियों से संबंधित संग्रह होंगे। यहां पूर्व प्रधानमंत्रियों की दुर्लभ तस्वीरें, भाषण, वीडियो क्लिप, समाचार पत्र, साक्षात्कार और मूल लेखन प्रदर्शित किए जाएंगे।
संस्कृति मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि 14 पूर्व प्रधानमंत्रियों की गैलरी को उनके कार्यकाल के अनुसार उचित स्थान आवंटित किया गया है। अधिकारी ने कहा, ‘‘संग्रहालय पूर्व प्रधानमंत्रियों की कलाकृतियों और व्यक्तिगत सामान का एक सही मिश्रण है जो उनके परिवारों और डिजिटल डिस्प्ले से भी एकत्र किया गया है। व्यक्तिगत संग्रह में तस्वीरें और पत्र शामिल हैं।’’
भाजपा अक्सर यह आरोप लगाती रही है कि आजादी के बाद अधिकांश समय कांग्रेस ने देश पर शासन किया और वह सिर्फ गांधी-नेहरू परिवार के प्रधानमंत्रियों का ही गुणगान करती रही थी जबकि अन्य के साथ उसका व्यवहार ठीक नहीं रहा।
भाजपा सांसद विनय सहस्रबुद्धे ने कहा, ‘‘यह राष्टीय पहचान का एक तरह से लोकतांत्रिकरण है और हमारे पूर्व प्रधानमंत्रियों के प्रति आभार का प्रकटीकरण है।’’
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