अहमदाबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने चक्रवात ‘‘ताउते’’ से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए बुधवार को गुजरात और केंद्र शासित क्षेत्र दीव के प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया और फिर एक समीक्षा बैठक के बाद राहत संबंधी तत्काल गतिविधियों के लिए 1000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री ने कहा कि ताउते चक्रवात से पैदा हुई परिस्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार प्रभावित राज्यों के साथ मिलकर काम कर रही है और राज्य सरकारों द्वारा नुकसान का ब्योरा भेजे जाने के बाद उन्हें भी तत्काल केंद्रीय सहायता मुहैया करायी जाएगी.
प्रधानमंत्री ने च्रकवात ताउते से देश के विभिन्न हिस्सों में प्रभावित हुए लोगों के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करते हुए इस आपदा में जान गंवाने वालों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई. पीएमओ के मुताबिक प्रधानमंत्री ने केरल, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और केंद्र शासित प्रदेशों दमन और दीव तथा दादर और नागर हवेली में चक्रवात के दौरान मारे गए लोगों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार रुपये का मुआवजा दिए जाने की घोषणा की।
केंद्र सरकार एक अंतर-मंत्रालयी दल गुजरात भेजेगी जो नुकसान का आकलन करेगी और उसकी रिपोर्ट के आधार पर गुजरात सरकार को और सहायता दी जाएगी. यह भी पढ़े: Cyclone Tauktae में जान गंवाने वाले पीड़ितों के परिवार को मिलेगा ₹2 लाख मुआवजा, पीएम मोदी ने की घोषणा
प्रधानमंत्री ने इस दौरान राज्य की जनता को आश्वस्त किया कि संकट की इस घड़ी में केंद्र सरकार राज्यों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करेगी और प्रभावित क्षेत्रों में संसाधनों के पुनर्निमाण में हरसंभव मदद करेगी. मोदी चक्रवात से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए एक दिवसीय गुजरात दौरे पर आज भावनगर पहुंचे थे जहां मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने उनका स्वागत किया.
उन्होंने हवाई सर्वेक्षण के जरिए चक्रवात ताउते से प्रभावित अमरेली, गिर सोमनाथ और भावनगर जिलों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे.
चक्रवात के कारण गिर सोमनाथ जिले के दीव और उना शहर के बीच सोमवार को जल भराव की स्थिति बन गई थी और इससे संपत्ति को भी खासा नुकसान पहुंचा है। क्षेत्र में पेड़ भी बड़ी संख्या में गिर गए हैं. प्रभावित इलाकों का मुआयना करने के बाद प्रधानमंत्री अहमदाबाद में एक बैठक भी की जिसमें मुख्यमंत्री के अलावा उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. गुजरात में चक्रवाती तूफान के कारण तटीय इलाकों में भारी नुकसान हुआ, बिजली के खंभे तथा पेड़ उखड़ गए तथा कई घरों व सड़कों को भी नुकसान पहुंचा। इस दौरान हुई घटनाओं में करीब 45 लोगों की मौत भी हुई है.
चक्रवाती तूफान के कारण 200 से अधिक तालुकाओं में बारिश हुई। एहतियाती तौर पर राज्य सरकार ने पहले ही दो लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया था. मौसम विभाग ने कहा कि ताउते गुजरात के तट से “बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान” के तौर पर आधी रात के करीब गुजरा और धीरे-धीरे कमजोर होकर “गंभीर चक्रवाती तूफान” तथा बाद में और कमजोर होकर अब “चक्रवाती तूफान” में बदल गया है. रुपाणी ने मंगलवार को कहा था कि 16000 से ज्यादा घरों को नुकसान पहुंचा, 40 हजार से ज्यादा पेड़ और 70 हजार से ज्यादा बिजली के खंभे उखड़ गए जबकि 5951 गांवों में बिजली चली गई.
यह राज्य में आया, अब तक का सबसे भयावह चक्रवात बताया जा रहा है। ताउते के कारण सौराष्ट्र से लेकर उत्तरी गुजरात के तट तक भारी बारिश देखने को मिली। कम से कम 46 तालुका में 100 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश हुई जबकि 12 में 150 से 175 मिलीमीटर तक बारिश दर्ज की गई.
चक्रवात ताउते दोपहर बाद अहमदाबाद जिले की सीमा से लगते हुए उत्तर की तरफ बढ़ गया. इससे पहले और इस दौरान भी यहां लगातार भारी बारिश हुई जिससे शहर के कई इलाकों में घुटनों तक पानी भर गया.
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