देश की खबरें | प्रधानमंत्री मोदी ने उपभोग के आंकड़ों का हवाला दिया; कहा गरीबी अब सबसे निचले स्तर पर

नयी दिल्ली, 26 फरवरी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत में गरीबी अब अपने न्यूनतम स्तर पर है क्योंकि घरों में खपत एक दशक पहले की तुलना में ढाई गुना बढ़ गई है।

टीवी9 के वैश्विक शिखर सम्मेलन में 'भारत: अगली बड़ी छलांग के लिए तैयार' विषय पर लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि ग्रामीण भारत में खपत शहरी भारत की तुलना में तेज गति से बढ़ी है।

उन्होंने कहा कि आंकड़ों से पता चलता है कि विभिन्न सेवाओं और सुविधाओं पर खर्च करने की लोगों की क्षमता बढ़ी है और अब उनके पास भोजन के अलावा अन्य चीजों का उपयोग करने के लिए अधिक पैसा है।

मोदी ने कहा, "यह गांवों, गरीबों और किसानों पर हमारे ध्यान केंद्रित करने के कारण हुआ है।"

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने ग्रामीण भारत को ध्यान में रखते हुए बुनियादी ढांचे का निर्माण किया, महिलाओं को सशक्त बनाया और रोजगार के नए अवसर पैदा किए।

उन्होंने कहा कि भोजन पर खर्च किए जाने वाले धन का प्रतिशत अब पहली बार कुल घरेलू खर्च के 50 प्रतिशत से भी कम है।

पूर्ववर्ती सरकारों पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंने वोट बैंक की राजनीति के चलते जानबूझकर लोगों को अभाव में रखा लेकिन उनकी सरकार ने सभी के संतुष्टिकरण का रास्ता चुना जिससे भेदभाव की कोई गुंजाइश नहीं रहती।

उन्होंने कहा, ''हम अभाव की राजनीति में नहीं बल्कि शत प्रतिशत लाभ पहुंचाने की राजनीति में विश्वास करते हैं।"

उन्होंने कहा, "हमने तुष्टिकरण नहीं किया है बल्कि लोगों की संतुष्टि का रास्ता चुना है। यही हमारा मंत्र रहा है।"

मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने वोट बैंक की राजनीति को प्रदर्शन की राजनीति में बदल दिया है।

उन्होंने कहा, "अगर दुनिया अब यह सोचती है कि भारत लंबी छलांग लगाने के लिए तैयार है तो पिछले 10 साल में जो काम हुआ है, उसका लॉन्च पैड पीछे छूट चुका है।"

उन्होंने कहा, "अब दुनिया भारत के साथ चलने में ही अपना फायदा देख रही है।"

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के कार्यकाल में विश्वास, मानसिकता, शासन में भारी बदलाव आया है और भारत आज जिस पैमाने पर काम कर रहा है, वह अभूतपूर्व और कल्पना से परे है।

मोदी ने कहा, "हमारे तीसरे कार्यकाल में भारत के सामर्थ्य को नई ऊंचाई तक पहुंचाना है। विकसित भारत की संकल्प यात्रा में आने वाले पांच वर्ष हमारे देश की प्रगति और प्रशस्ति के वर्ष हैं।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज 21वीं सदी के भारत ने छोटा सोचना छोड़ दिया है। आज वह जो करता है, वह सर्वश्रेष्ठ और सबसे बड़ा होता है।

मोदी ने हाल ही में शुरू की गई आईआईटी, आईआईएम, पुलों और रेल बुनियादी ढांचे सहित हजारों करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा और विकास परियोजनाओं के पैमाने और गति में बदलाव का हवाला दिया।

उन्होंने भाषण में अनुच्छेद 370 हटाने, राम मंदिर निर्माण, महिला आरक्षण विधेयक और तीन तलाक को समाप्त करने सहित कई फैसलों का जिक्र किया।

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के तहत प्रतिदिन दो नए कॉलेज खुल रहे हैं और हर हफ्ते एक नया विश्वविद्यालय अस्तित्व में आ रहा है।

उन्होंने कांग्रेस सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि उनकी सरकार में बदलाव इसलिए आया क्योंकि जो लोग पहले सत्ता में थे, उन्हें भारतीयों की क्षमता पर भरोसा नहीं था और उनकी ताकत को कम करके आंका गया था।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हर भारतीय अब सोचता है कि कुछ भी असंभव नहीं है और वह कुछ भी कर सकता है।

उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यालय अब कोई समस्या नहीं हैं, बल्कि नागरिकों के लिए मदद के साधन हैं। उन्होंने कहा कि गरीबी अब पहली बार एकल अंक में है।

उन्होंने केंद्र में अपने 10 साल के कार्यकाल में 17 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं की व्यक्तिगत रूप से समीक्षा की।

प्रधानमंत्री ने भारत में बढ़ रहे प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और करदाताओं की बढ़ती संख्या सहित अन्य आंकड़ों का हवाला देते हुए सोमवार को कहा कि पिछले 10 वर्ष में सरकार के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है और इन्हीं मजबूत आधारों पर भारत आने वाले पांच वर्ष में एक बड़ी छलांग लगाने के लिए तैयार है।

उन्होंने यह दावा भी किया कि साल 2014 के बाद उनके नेतृत्व वाली सरकार के विकास मॉडल से ग्रामीण भारत भी सशक्त हुआ है।

उन्होंने कहा, "पिछली सरकार के 10 वर्षों के दौरान भारत ने एफडीआई में केवल 300 बिलियन डॉलर आकर्षित किए। हमारी सरकार के 10 वर्षों में, भारत ने 640 बिलियन डॉलर का एफडीआई प्राप्त किया।"

प्रधानमंत्री ने कहा कि डिजिटल क्रांति, कोविड-19 महामारी के दौरान टीकों में विश्वास और 10 वर्षों में करदाताओं की बढ़ती संख्या साबित करते हैं कि सरकार के प्रति लोगों में विश्वास बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि 2014 में लोगों ने म्यूचुअल फंड में 9 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया था जबकि 2024 में म्यूचुअल फंड में 52 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश हुआ है।

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