Fateh Review:  सोनू सूद की 'फतेह' में धमाकेदार एक्शन और इमोशन्स का शानदार संगम, साइबर क्राइम की दुनिया से कराती है रू-ब-रू!
Fateh Review - Sonu Sood (Photo Credits: Instagram)

Fateh Review: 'फतेह' सोनू सूद की नई फिल्म है, जो एक्शन और इमोशन्स का अनोखा संगम पेश करती है. यह फिल्म एक रिटायर्ड स्पेशल ऑप्स ऑफिसर की कहानी है, जो अपनी शांत जिंदगी में अचानक आने वाले तूफान से जूझता है. फिल्म में साइबर क्राइम, इंसाफ की तलाश और खुद को दोबारा पाने की जद्दोजहद जैसे मुद्दों को छुआ गया है. सोनू सूद ने न सिर्फ अभिनय किया है, बल्कि निर्देशन में भी अपनी छाप छोड़ी है. 'फतेह' में जेसन बॉर्न और जॉन विक जैसी फिल्मों की झलक मिलती है, लेकिन इसमें भारतीयता का अद्वितीय रंग भी है.

कहानी

'फतेह' एक रिटायर्ड स्पेशल ऑप्स ऑफिसर फतेह (सोनू सूद) की कहानी है, जो सुकून भरी जिंदगी जी रहा है. लेकिन जब एक लड़की निम्रत साइबर क्राइम का शिकार होती है, तो उसे अपनी पुरानी दुनिया में लौटना पड़ता है. फतेह, खुशी (जैकलीन फर्नांडिस) की मदद से एक खतरनाक गैंग का सामना करता है और अपने अतीत की परछाइयों से भी लड़ता है. हालांकि, फिल्म में फतेह और निम्रत के रिश्ते को स्पष्ट करने में कोताही बरती गई है, जिससे कहानी में थोड़ी कमी महसूस होती है.

देखें 'फतेह' का ट्रेलर:

परफॉर्मेंस और डायरेक्शन

सोनू सूद ने एक अभिनेता और निर्देशक के रूप में बेहतरीन काम किया है. उनकी परफॉर्मेंस में गहराई और इमोशन का शानदार संतुलन देखने को मिलता है, जो दर्शकों को बांधने में कामयाब रहता है. निर्देशन में भी उन्होंने अपनी समझ और दृष्टि का परिचय दिया है, जिससे फिल्म में कई यादगार पल जुड़ गए हैं. सोनू सूद ने अपने किरदार को इतनी सजीवता से निभाया है कि यह फिल्म को एक नया आयाम देता है.

एक्शन और तकनीकी पहलू

फिल्म के एक्शन सीन ली व्हिटेकर द्वारा कोरियोग्राफ किए गए हैं, जो अपनी गुणवत्ता और स्टाइल में हॉलीवुड स्तर के हैं. चाकू की लड़ाई, हैंड-टू-हैंड कॉम्बैट और एडवांस्ड स्टंट्स ने फिल्म को एक विजुअल ट्रीट बना दिया है. इन सीन्स को इतनी बारीकी और वास्तविकता के साथ शूट किया गया है कि दर्शक खुद को कहानी का हिस्सा महसूस करते हैं. हर एक्शन सीन में रोमांच और ऊर्जा का भरपूर तड़का है, जो दर्शकों को सीट से बांधकर रखता है.

 

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फिल्म के एक्शन सीन्स न केवल तकनीकी दृष्टि से बेहतरीन हैं, बल्कि कहानी के प्रवाह को भी मजबूती देते हैं. खासकर क्लाइमैक्स की लड़ाई दर्शकों के रोंगटे खड़े कर देती है. हालांकि, कुछ सीन्स को और अधिक कसा जा सकता था, लेकिन इनकी भव्यता और शानदार कोरियोग्राफी इसे फिल्म का मुख्य आकर्षण बनाते हैं. कुल मिलाकर, 'फतेह' का एक्शन भारतीय सिनेमा में नए मानक स्थापित करता है और लंबे समय तक याद रखा जाएगा.

संगीत और बैकग्राउंड स्कोर

फतेह का म्यूजिक कहानी के इमोशन्स को बेहतरीन तरीके से उभारता है. हंस ज़िमर का 'टू द मून' ट्रैक और लोइर कॉटलर की आवाज़ 'कॉल टू लाइफ' में जान डालती है. अरीजीत सिंह और बी प्राक की आवाज़ों ने म्यूजिक को और भी यादगार बना दिया है.

Fateh - Zee Studios (Photo Credits: Youtube)

कमजोरियां

फिल्म में फतेह और निम्रत के रिश्ते को अधिक स्पष्टता के साथ दिखाया जा सकता था, जिससे उनकी भावनात्मक गहराई को बेहतर तरीके से समझा जा सके. खुशी और फतेह की मुलाकात का प्रस्तुतीकरण थोड़ा जल्दबाजी भरा लगता है, जो उनके जुड़ाव को मजबूत आधार देने से चूक जाता है.

निष्कर्ष

'फतेह' एक्शन और इमोशन्स का शानदार संगम है, जो दर्शकों को एक रोमांचक और भावनात्मक अनुभव प्रदान करती है. सोनू सूद ने एक अभिनेता और निर्देशक के रूप में बेहतरीन प्रदर्शन किया है और एक्शन फिल्मों में एक नया मानक स्थापित किया है. फिल्म की कहानी और एक्शन दर्शकों को बांधे रखते हैं, जबकि भावनात्मक पहलू इसे और भी प्रभावशाली बनाते हैं. यह फिल्म उन लोगों के लिए जरूर देखी जानी चाहिए, जो एक्शन और इमोशनल ड्रामा का अनोखा मिश्रण पसंद करते हैं. कुल मिलाकर, 'फतेह' दर्शकों के लिए एक यादगार सिनेमाई अनुभव साबित होती है. इसे 5 में से 3.5 स्टार.

Rating:3.5out of 5