जरुरी जानकारी | दुनियाभर में खाद्य तेलों के भाव में तेजी, घरेलू बाजार में भी कीमतें मजबूत

नयी दिल्ली, 19 सितंबर विदेशी बाजारों में खाद्य तेलों में मजबूती का रुख जारी है। सोयाबीन डीगम और कच्चा पॉम तेल लगातार ऊंचे बोले जा रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप स्थानीय तेल- तिलहन बाजार में भी तेल- तिलहनों में मजबूती रही। नैफेड की ऊंचे भाव पर बिकवाली से सरसों, तेल सरसों भी ऊंचा बोला गया।

बाजार सूत्रों का कहना है कि चीन, रूस सहित दुनिया के बाजारों में मूंगफली, सोयाबीन की मांग बढ़ रही है। इससे विदेशों में सोयाबीन डीगम 910 डालर प्रति टन पर पहुंच गया, कांडला बंदरगाह पर इसका भाव 9,500 रुपये तक पड़ता है। रिफाइंड 9,850 रुपये क्विंटल पड़ता है जबकि घरेलू बाजार में यह 9,350 रुपये के एक्स कांडला भाव पर उपलब्ध है। यही बात कच्चे पॉम तेल के मामले में भी है। आयात भाव 8,200 रुपये क्विंटल पड़ता है जबकि यहां दाम 8,130 रुपये क्विंटल बोला जा रहा है।

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विदेशों से ऊंचे भाव पर आयात होकर स्थानीय बाजार में यह मंदा बोला जाता है, यह गणित किसी कि समझ में नहीं आता है। आखिर ऊंचे भाव पर आयात होने के बाद इसका एक्स कांडला भाव नीचे क्यों बोला जाता है।

इधर, सरसों में नैफेड की बिकवाली जारी है। शनिवार को कुछ माल 4,991 रुपये क्विंटल के भाव निकाला। आगे के लिेये 5,102 रुपये के भाव की बोली उसे मिली है। सरकारी एजेंसियों के पास सरसों का स्टॉक कितना है इसका ठीक ठीक अनुमान अभी बाजार नहीं लगा पाया है लेकिन जानकारों का मानना है कि एजेंसियों को फूंक फूंककर कदम रखना चाहिये।

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इस साल तो एजेंसियों ने जून, जुलाई में भी सरसों की घटे भाव पर बिकवाली की थी जबकि आमतौर पर एजेंसियां अक्ट्रबर, नवंबर से पहले माल नहीं बेचतीं हैं। स्थानीय मंडी में सरसों का भाव 50 रुपये बढ़कर 5,400--5,450 रुपये क्विंटल बोला गया, वहीं तेल सरसों दादरी 200 रुपये बढ़कर 10,800 रुपये क्विंटल हो गया। सरसों कच्ची घानी और पक्की घानी टिनों में भी 30 रुपये बढ़ गये।

बाजार के जानकारों का कहना है कि देश को यदि तेल- तिलहन के मामले में आत्मनिर्भर बनाना है तो विदेशों से आयात पर अंकुश लगाया जाना चाहिये। घरेलू बाजार में तिलहन फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर बिकवाली बंद होनी चाहिये और विदेशों से बेपड़ता आयात के खेल को बंद किया जाना चाहिये। आखिर विदेशों से ऊंचे भाव पर आने वाला माल देश में उससे कम भाव पर कैसे बिक सकता है इस गुथ्थी को समझना और सुलझाना होगा।

बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन - 5,400 - 5,450 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली दाना - 4,905- 4,955 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 12,750 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 1,885 - 1,945 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 10,800 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 1,680 - 1,830 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 1,800 - 1,920 रुपये प्रति टिन।

तिल मिल डिलिवरी तेल- 11,000 - 15,000 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10,100 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 9,920 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम- 9,000 रुपये।

सीपीओ एक्स-कांडला- 8,130 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 9,500 रुपये।

पामोलीन आरबीडी दिल्ली- 9,600 रुपये।

पामोलीन कांडला- 8,800 रुपये (बिना जीएसटी के)।

सोयाबीन तिलहन मिल डिलिवरी भाव 3,770- 3,795 लूज में 3,620 -- 3,670 रुपये।

मक्का खल (सरिस्का) - 3,500 रुपये

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