नयी दिल्ली, 18 जनवरी: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को महिला उद्यमियों से आग्रह किया कि वे अन्य उद्यमशील महिलाओं की पहचान करें और उनके सशक्तिकरण की यात्रा में उनका सहयोग करने के नए तरीकों के बारे में सोचें. राष्ट्रपति ने कहा कि ऐसी कई महिलाएं हैं जो आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने का सपना देखती हैं, लेकिन उन्हें नहीं पता कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए उन्हें कौन सा रास्ता अपनाना चाहिए.
मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में उन महिलाओं के एक समूह से बातचीत की जो प्रमुख स्टार्ट-अप और ‘यूनिकॉर्न’ (ऐसा स्टार्ट-अप जिसका मूल्यांकन एक अरब डॉलर से अधिक है) की संस्थापक और सह-संस्थापक हैं. मुर्मू ने कहा कि इन महिलाओं की सफलता से विकास की एक लहर पैदा होनी चाहिए ताकि हम देश के सभी हिस्सों से ऐसी ही सफलता की कई कहानियां सुन सकें. राष्ट्रपति ने कहा कि हमें एक ऐसे भारत के निर्माण के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लेना चाहिए जहां प्रत्येक महिला सशक्त हो और प्रत्येक युवा महिला अपने सपनों को साकार करने के लिए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ सके.
राष्ट्रपति ने महिला उद्यमियों से आग्रह किया कि वे ऐसी ही अन्य उद्यमशील महिलाओं की पहचान करें और उनकी सशक्तिकरण की यात्रा में उनका सहयोग करने के नए तरीकों के बारे में भी ध्यान दें. यह बैठक ‘‘राष्ट्रपति जनता के साथ’’ पहल के अंतर्गत आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य जनता के साथ गहरा संबंध स्थापित करना और उनके योगदान को मान्यता देना है. महिला उद्यमियों के साथ बातचीत के दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि इन महिला उद्यमियों ने भारतीय कारोबारी माहौल को परिवर्तित कर दिया है.
राष्ट्रपति ने कहा कि प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप से लेकर सामाजिक उद्यमों तक, उनके कार्य ने उद्यमिता की दुनिया में भारतीय महिलाओं की क्षमताओं के विविध आयामों में एक प्रभावशाली अभिज्ञान प्रदान किया है. मुर्मू ने कहा कि उनका योगदान आर्थिक विकास तक सीमित नहीं है। राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘उन्होंने पारंपरिक बाधाओं को तोड़ा है और भावी पीढ़ियों के लिए सशक्तिकरण का मार्ग प्रशस्त किया है.’’
राष्ट्रपति ने कहा कि वे एक समावेशी आर्थिक भविष्य की निर्माता हैं जिसमें प्रगति का मार्ग लैंगिक आधार पर नहीं बल्कि प्रतिभा और महत्वाकांक्षा के आधार पर प्रशस्त होता है. राष्ट्रपति ने कहा कि वे केवल कारोबारी नेता ही नहीं हैं बल्कि परिवर्तन की अग्रदूत भी हैं. वे उन लाखों युवा महिलाओं के लिए आदर्श हैं जो अपनी प्रगति और विकास का सपना देखने का साहस करती हैं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ‘स्टार्ट-अप इंडिया’ कार्यक्रम हमारे युवाओं की क्षमता का लाभ उठाने और देश में उद्यमशीलता के माहौल को मजबूत करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था.
उन्होंने इस कार्यक्रम के उद्देश्य को हासिल करने में दिए गए अमूल्य योगदान की सराहना की. राष्ट्रपति भवन के एक बयान के मुताबिक मुर्मू ने कहा कि युवाओं के नवाचारी प्रयासों के कारण आज भारत लगभग 1,17,000 स्टार्ट-अप और 100 से अधिक यूनिकॉर्न के साथ विश्व का तीसरा सबसे बड़ा ‘स्टार्ट-अप इकोसिस्टम’ बन गया है. राष्ट्रपति ने कहा कि उद्यमियों के रूप में उनकी यात्रा और उपलब्धियां लोगों, विशेषकर महिलाओं और युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं.
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)