विदेश की खबरें | सिंगापुर यात्रा के दौरान भारतीय मूल के व्यक्ति की बनाई कुर्सियों का इस्तेमाल करेंगे पोप फ्रांसिस
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सिंगापुर, आठ सितम्बर पोप फ्रांसिस अगले सप्ताह सिंगापुर की अपनी यात्रा के दौरान अंतर-धार्मिक संवाद सत्रों के लिए यहां भारतीय मूल के एक बढ़ई द्वारा तैयार की गई दो कुर्सियों का उपयोग करेंगे।

चैनल ‘न्यूज एशिया’ की पिछले सप्ताह की खबर के अनुसार, ये कुर्सियां ​​44 वर्षीय गोविंदराज मुथैया द्वारा बनाई गई हैं, जिन्होंने 2019 में लकड़ी के काम के प्रति अपने जुनून को पूर्णकालिक रूप से अपना लिया था।

मुथैया ने कहा कि जब जुलाई के अंत में सिंगापुर के रोमन कैथोलिक आर्चडायोसिस से उन्हें एक कॉल आयी, तो उन्होंने उम्मीद नहीं की थी कि उनके काम में अब तक का सबसे बढ़िया नाम जुड़ जाएगा। उन्होंने दोनों "100 प्रतिशत हस्तनिर्मित" कुर्सियां एक महीने के भीतर ही तैयार कीं।

पोप फ्रांसिस 11 से 13 सितंबर तक इंडोनेशिया, पापुआ न्यू गिनी, तिमोर-लेस्ते और सिंगापुर की अपनी 12 दिवसीय चार देशों की यात्रा के अंतिम चरण में सिंगापुर में रहेंगे। 2013 में विश्वव्यापी कैथोलिक चर्च का प्रमुख बनने के बाद से यह वेटिकन से बाहर उनकी सबसे लंबी यात्रा है।

सिंगापुर में 87 वर्षीय पोप के कार्यक्रम में राष्ट्रपति थर्मन षणमुगरत्नम और प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग से मुलाकात, नेशनल स्टेडियम में प्रार्थना सभा का नेतृत्व तथा कैथोलिक जूनियर कॉलेज में युवाओं के साथ अंतरधार्मिक संवाद सत्र शामिल है।

इन कुर्सियों का इस्तेमाल अंतरधार्मिक संवाद के दौरान किया जाएगा। मुथैया, जो एक हिंदू हैं, उन्होंने उन मंदिरों और मस्जिदों से संपर्क किया, जिनका हाल ही में जीर्णोद्धार किया गया था, ताकि बची हुई लकड़ियों का वह फिर से इस्तेमाल कर सकें।

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