बेंगलुरु, 15 मार्च पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता बी.एस. येदियुरप्पा के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत दर्ज प्राथमिकी को शुक्रवार को आगे की जांच के लिए आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) को सौंप दिया गया।
पुलिस महानिदेशक आलोक मोहन ने अपने संदेश में बेंगलुरु पुलिस को बताया कि मामला तत्काल प्रभाव से आगे की जांच के लिए सीआईडी को सौंप दिया गया है।
सदाशिवनगर पुलिस के अनुसार, येदियुरप्पा के खिलाफ 17 वर्षीय एक लड़की की मां की शिकायत पर पॉक्सो कानून की धारा आठ और भारतीय दंड संहिता की धारा 354 ए (यौन उत्पीड़न) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पीड़िता की मां ने शिकायत में आरोप लगाया है कि यह घटना दो फरवरी को उस वक्त हुई जब वह अपनी बेटी के साथ येदियुरप्पा (81) से मिलने उनके आवास पर गई थी।
आरोप को खारिज करते हुए येदियुरप्पा ने कहा कि महिला उनसे मिलने का प्रयास कर रही थी, लेकिन उसे उनके घर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गयी।
उन्होंने कहा, ‘‘जब वह रो रही थी, तो मैंने उसे अपने घर में बुलाया और पुलिस आयुक्त बी. दयानंद से बात की कि उसके साथ कुछ अन्याय हुआ है। हालांकि, जब उसने मेरे सामने ही मेरे खिलाफ बोलना शुरू किया, तो मैंने निष्कर्ष निकाला कि यह महिला सही नहीं है।’’
येदियुरप्पा ने आरोप लगाया कि पुलिस आयुक्त से मुलाकात करने के बाद महिला ने इस मामले को अलग रंग दे दिया।
भाजपा संसदीय बोर्ड के सदस्य येदियुरप्पा ने कहा, ‘‘मैंने सुना है कि मेरे खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गयी है। कानूनी तौर पर जो भी करना होगा मैं करूंगा, लेकिन जब कोई किसी की मदद करता है, तो ऐसा भी होता है।’’
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