नयी दिल्ली, दो मई: कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए जारी अपने घोषणापत्र में ‘बजरंग दल’ जैसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाने के वादे को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हमले पर पलटवार करते हुए मंगलवार को दावा किया कि ‘प्रधानमंत्री ने बजरंग दल की तुलना बजरंग बली से करके’ भगवान हनुमान के भक्तों की आस्था का अपमान किया है. यह भी पढ़ें: Karnataka Elections 2023: पीएम मोदी ने चित्रदुर्ग में बजाया पारंपरिक वाद्य यंत्र (Watch Video)
पार्टी के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने यह भी कहा कि ‘हनुमान जी के करोड़ों भक्तों की आस्था का अपमान करने’ के लिए प्रधानमंत्री को माफी मांगनी चाहिए. उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने का वादा करने के लिए सोमवार को मुख्य प्रतिद्वंद्वी दल पर निशाना साधा. उन्होंने इसे भगवान हनुमान की पूजा करने वालों को ताले में बंद करने की कोशिश करने का कांग्रेस का प्रयास करार दिया.
उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ने पहले भगवान राम को ताले में बंद कर किया और अब वह ‘जय बजरंग बली’ का नारा लगाने वालों को ताले में बंद करना चाहती है. प्रधानमंत्री के इस बयान पर पलटवार करते हुए खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने जो बयान दिया है, उसके लिए उन्हें शर्म आनी चाहिए। क्या ध्रुव सक्सेना जिस दल का है उसकी तुलना हमारे आराध्य बजरंग बली से करेंगे? आप बजरंग दल से हनुमान जी की तुलना कर रहे हैं. मोदी जी आपकी पार्टी के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 2017 में कहा था कि बजरंग दल के लोग आईएसआई से प्रमाणित हैं. आप सिंधिया जी को एक बार फोन कर लीजिए.’’
इस दौरान खेड़ा ने अपने कुर्ते की ऊपर वाली जेब से हनुमान चालीसा निकाली और इसे दिखाते हुए कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जी आप हमारी आस्था का कैसे अपमान कर सकते हैं? आपको यह अधिकार किसने दिया है? प्रधानमंत्री जी, आप माफी मांगिये क्योंकि आपने करोड़ों हनुमान भक्तों की आस्था का अपमान किया है.’’
उनका कहना था, ‘‘हम धर्म और राजनीति को अलग रखते हैं. यह देश मुद्दों की राजनीति को पसंद करता है. इस तरह की ओछी बातों को स्वीकार नहीं कर सकता। 13 मई को कर्नाटक की जनता से जवाब मिल जाएगा.’’
कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार को घोषणापत्र जारी किया जिसमें उसने वादा किया है कि प्रदेश में जाति एवं धर्म के आधार पर ‘नफरत फैलाने’ के लिए बजरंग दल और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) जैसे संगठनों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की जाएगी.
उसका कहना है कि ऐसे संगठनों को प्रतिबंधित करने की कार्रवाई भी हो सकती है.
कांग्रेस के घोषणापत्र में कहा गया है, ‘‘हमारा मानना है कि कानून और संविधान पवित्र हैं. कोई व्यक्ति या बजरंग दल, पीएफआई और नफरत एवं शत्रुता फैलाने वाले दूसरे संगठन, चाहे वह बहुसंख्यकों के बीच के हों या अल्पसंख्यकों के बीच के हों, कानून और संविधान का उल्लंघन नहीं कर सकते. हम ऐसे संगठनों पर कानून के तहत प्रतिबंध लगाने समेत निर्णायक कार्रवाई करेंगे.’’
हक
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