देश की खबरें | पतंगबाजी पर पूर्ण रोक के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई

नयी दिल्ली, तीन अगस्त दिल्ली उच्च न्यायालय में बुधवार को एक जनहित याचिका दायर की गई, जिसमें केंद्र और दिल्ली सरकार को पतंग की खरीद-बिक्री, भंडारण, परिवहन के साथ-साथ पतंगबाजी पर भी पूर्ण रोक लगाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

याचिका में कहा गया है कि कई लोग और पक्षी पतंग के मांझे से होने वाले हादसे में घायल हो जाते हैं और ऐसी घटनाएं नियमित तौर पर होती हैं।

याचिकाकर्ता के वकील के मुताबिक इस अर्जी को संभवत: बृहस्पतिवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा।

अर्जी में कहा गया, ‘‘ प्रत्येक पतंगबाज चाहता है कि कांच या धातु की परत वाले मांझे का इस्तेमाल करे, जिसे आमतौर पर ‘चीनी मांझा’ कहा जाता है और यह न केवल इंसानों के लिए बल्कि पक्षियों के लिए भी खतरनाक है और उनकी जिंदगी को खतरे में डालता है।’’

याचिकाकर्ता संसार पाल सिंह ने कहा कि पतंगबाजी और पतंगों के निर्माण, खरीद-बिक्री और भंडारण पर रोक ही एकमात्र उपाय है क्योंकि मांझे से हादसा होने पर दोषियों को पकड़ना मुश्किल होता है।

याचिकाकर्ता ने कहा कि वह स्वयं वर्ष-2006 में मांझे से हुए हादसे का शिकार हो चुका है। उन्होंने कहा कि मांझा उनके शरीर से लिपट गया था और बचने की कोशिश में उनकी उंगली कट गई। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उसके द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों के मुताबिक कई लोगों और पक्षियों की मौत पतंग के मांझे में फंसने से हुई है जबकि कई अन्य घायल हुए हैं।

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