संयुक्त राष्ट्र, 16 जुलाई : श्रीलंका में संयुक्त राष्ट्र ने देश के सभी हितधारकों से संविधान के प्रति पूर्ण सम्मान दिखाते हुए सत्ता का शांतिपूर्ण हस्तांतरण सुनिश्चित करने की अपील की है. विश्व संस्था ने यह भी सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि मौजूदा अस्थिरता और लोगों की शिकायतों के मूल कारण का समाधान किया जाए. श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे के बाद देश में संयुक्त राष्ट्र की रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर हाना सिंगर-हम्दी ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि यह जरूरी है कि सत्ता का हस्तांतरण संसद के भीतर और बाहर व्यापक एवं समावेशी विचार-विमर्श के साथ हो.
उन्होंने कहा, ‘‘श्रीलंका में संयुक्त राष्ट्र सभी हितधारकों से संविधान का पूर्ण सम्मान करते हुए सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण को सुनिश्चित करने का आग्रह करता है. यह महत्वपूर्ण है कि मौजूदा अस्थिरता के मूल कारणों और लोगों की शिकायतों का समाधान किया जाए. सभी हितधारकों के साथ बातचीत सभी श्रीलंकाई लोगों की चिंताओं को दूर करने और आकांक्षाओं को पूरा करने का सबसे अच्छा तरीका है. गायिका-हम्दी ने कहा कि अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कानून और व्यवस्था बनाए रखने में सुरक्षा बल संयम बरतें और मानवाधिकार सिद्धांतों और मानकों का सख्ती से पालन करें. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र तत्काल और दीर्घकालिक दोनों जरूरतों को पूरा करने के लिए श्रीलंका की सरकार और लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है. यह भी पढ़ें : मेक्सिको नौसेना का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त, 14 लोगों की मौत
रानिल विक्रमसिंघे ने शुक्रवार को श्रीलंका के अंतरिम राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली. संसद जब तक गोटबाया राजपक्षे के उत्तराधिकारी का चुनाव नहीं कर लेती, तब तक विक्रमसिंघे देश के अंतरिम राष्ट्रपति रहेंगे. गोटबाया राजपक्षे ने उनकी सरकार पर अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने और देश को दिवालिया करने के आरोप लगने के बाद इस्तीफा दे दिया. प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा है कि 73 वर्षीय विक्रमसिंघे ने प्रधान न्यायाधीश जयंत जयसूर्या के समक्ष श्रीलंका के कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली. संसद अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धने ने शुक्रवार को राजपक्षे के इस्तीफे की आधिकारिक तौर पर घोषणा की थी. राजपक्षे अपनी सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन के कारण देश छोड़कर सिंगापुर चले गए हैं.