चेन्नई, 21 दिसंबर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने शनिवार को कहा कि हाल के संसद सत्र ने केंद्र की भाजपा सरकार के दोहरे चरित्र को उजागर कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि भाजपा सदस्यों की तुलना में द्रविड मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) के सांसदों ने हाल में संपन्न हुए शीतकालीन सत्र के दौरान बेहतर प्रदर्शन किया और वे लोगों की आवाज उठाने में नायक बनकर उभरे हैं।
स्टालिन ने एक बयान में कहा, "राज्य के अधिकारों से संबंधित मुद्दे उठाने और सदन का ध्यान आकर्षित करने में द्रमुक के सांसदों के प्रदर्शन से देश आश्चर्यचकित है।"
उन्होंने अपनी पार्टी के सांसदों की सराहना की।
स्टालिन ने केंद्र की आलोचना करते हुए कहा, "एक तरफ केंद्र ने भारत के संविधान को अपनाने के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में जश्न मनाया, लेकिन दूसरी तरफ आंबेडकर का अपमान किया।"
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कई मुद्दों पर चुप्पी साधे रखी, जबकि उन्हें जवाब देने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए थी। भाजपा सदस्यों ने संसद में लोकतंत्र को बाधित करने की कोशिश की।
स्टालिन ने आरोप लगाया, "शीतकालीन सत्र इस बात का प्रमाण है कि भाजपा सरकार ने संसदीय लोकतंत्र को किस तरह खत्म कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री (अमित शाह) ने खुद संविधान के निर्माता आंबेडकर को बदनाम किया है, जिससे भाजपा का कुलीन फासीवादी चरित्र उजागर हुआ है।"
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