नई दिल्ली, 2 जून: दिल्ली पुलिस द्वारा जासूसी के आरोप में पकड़े गए पाकिस्तान (Pakistan) उच्चायोग के दो अधिकारियों को किसी तरह प्रताड़ित नहीं किया गया है, जैसा कि पाकिस्तान ने दावा किया है. आधिकारिक सूत्रों में सोमवार को यह बात कही. भारत (India) ने रविवार को उच्चायोग के दो अधिकारियों को जासूसी के आरोप में निषिद्ध घोषित करते हुए 24 घंटे के भीतर देश छोड़ने के लिये कहा था.
पाकिस्तान ने अपने अधिकारियों पर लगे आरोपों को खारिज करते हुए भारत की कार्रवाई को राजनयिक संबंधों को लेकर विएना संधि और कूटनीतिक आचार के नियमों का खुला उल्लंघन करार दिया था. पाकिस्तान ने भारत (India) पर यहां उच्चायोग के वीजा विभाग में तैनात इन दोनों अधिकारियों के उत्पीड़न का भी आरोप लगाया था.
यह भी पढ़ें: जासूसी मामला: भारत सरकार के आदेश के बाद पकड़े गए जासूस अटारी बोर्डर से लौटे पाकिस्तान
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने अधिकारियों आबिद हुसैन और मोहम्मद ताहिर को एक भारतीय नागरिक से पैसे के बदले भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठानों से संबंधित संवेदनशील दस्तावेज लेते वक्त पकड़ा था. पाकिस्तान ने सोमवार को इस्लामाबाद में भारत के एक वरिष्ठ राजनयिक को तलब कर हुसैन और ताहिर को निष्कासित करने के फैसले पर कड़ा विरोध जताया.
सूत्रों ने कहा कि अधिकारियों को कभी भी किसी तरह प्रताड़ित नहीं किया गया. उनका मेडिकल परीक्षण भी कराया गया है. एक सूत्र ने कहा, "पाकिस्तान झूठे आरोप लगा रहा है. हो सकता है कि वह जैसे को तैसा वाली प्रतिक्रिया में भारतीय अधिकारियों को प्रताड़ित करने की भूमिका तैयार कर रहा हो."
सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के दावे गलत हैं और अधिकारियों को जासूसी गतिविधियां करते समय रंगे हाथ पकड़ा गया है. सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान उच्चायोग को अधिकारियों के पकड़े जाने के बारे में तुरंत बता दिया गया और उन्हें उसके हवाले कर दिया गया.
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)