नयी दिल्ली, तीन अगस्त पेगासस जासूसी विवाद, तीन कृषि कानूनों सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण मंगलवार को भी राज्यसभा में हंगामा जारी रहा और दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजकर करीब 40 मिनट पर कार्यवाही दिन भर के लिए लिए स्थगित कर दी गई।
दो बार के स्थगन के बाद उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर भी सदन में विपक्ष का हंगामा जारी रहा। सदन में नारेबाजी के बीच ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता संशोधन 2021 विधेयक चर्चा के लिए रखा।
सदन ने संक्षिप्त चर्चा के बाद विधेयक को पारित कर दिया। कुछ सदस्यों ने विधेयक पर मत विभाजन कराए जाने की मांग की। इस पर पीठासीन अध्यक्ष भुवनेश्वर कालिता ने कहा कि वह मत विभाजन के लिए तैयार हैं लेकिन उसके लिए सदन में व्यवस्था होनी चाहिए। हालांकि इसके बाद भी सदन में हंगामा जारी रहा।
विधेयक पारित होने के बाद कालिता ने कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर भी सदन में विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी और वे आसन के समीप आकर सरकार के खिलाफ नारे लगाने लगे।
उपसभापति हरिवंश ने हंगामा कर रहे सदस्यों से शांत होने और प्रश्नकाल चलने देने का अनुरोध किया तथा कहा कि यह समय सदस्यों का है।
लेकिन उनकी अपील का हंगामा कर रहे सदस्यों पर कोई असर नहीं हुआ। शोरगुल के बीच ही प्रश्नकाल में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया, पर्यटन राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल आदि ने अपने अपने मंत्रालयों से संबंधित विभिन्न सदस्यों के पूरक सवालों के जवाब दिए। सदन में शोर जारी रहने के कारण उनकी बात ठीक से सुनी नहीं जा सकी।
सदन में व्यवस्था नहीं बनते देख उपसभापति ने 12 बजकर करीब 40 मिनट पर बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले सुबह हंगामे के कारण शून्यकाल भी नहीं हो पाया। सुबह बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। फिर उन्होंने सदन को सूचित किया कि कई सदस्यों ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के वास्ते नियम 267 के तहत पूर्व निर्धारित कामकाज स्थगित करने के लिए नोटिए दिए हैं। सभापति ने बताया कि उन्होंने ये नोटिस स्वीकार नहीं किए हैं।
सभापति के इतना कहते ही विपक्षी सदस्य आसन के समक्ष आ कर अपने-अपने मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा करने लगे।
सभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने की अपील करते हुए कहा ‘‘आसन चर्चा की अनुमति देना चाहता है लेकिन इस तरह के माहौल में चर्चा कैसे होगी। ज्यादातर सदस्य चाहते हैं कि सदन में कामकाज हो। ’’
उन्होंने कहा ‘‘लोग देख रहे हैं कि हर दिन किस तरह व्यवधान डाला जाता है। आपको यहां हंगामा करने के लिए नहीं भेजा गया है। आप अपना खुद का नुकसान कर रहे हैं।’’
सदन में व्यवस्था बनते न देख सभापति ने 11 बज कर आठ मिनट पर बैठक दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
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